For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव महा-उत्सव" अंक - 32(Now closed with 1027 Replies)

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।

 

पिछले 31 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने 31 विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है.

इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 32

विषय "पाखण्ड"

आयोजन की अवधि-  रविवार 09 जून 2013 से मंगलवार 11 जून 2013 तक

 
तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दिए हुए विषय को दे डालें एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति | 
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य-समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए ।आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित पद्य-रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं । साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं ।


उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक

शास्त्रीय-छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना : ओबीओ लाईव महा-उत्सव के 32 में सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक ही दे सकेंगे, ध्यान रहे प्रति दिन एक, न कि एक ही दिन में तीन । नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी ।

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 09 जून दिन रविवार लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.


महा उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 
मंच संचालिका 
डॉo प्राची सिंह 
(सदस्य प्रबंधन टीम)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 17805

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

दोनों कुंडलियां सार्थक हुईं हैं, विषय से न्याय करती हुई अच्छी अभिव्यक्ति, एक पक्ति पर पुनः गौर करें, अर्थ उलझ सा रहा है । 

अफसर है सब भ्रष्ट, और हैं सब नेता जी || 

बधाई इस प्रस्तुति पर । 

आदरणीय बागी जी सादर नमस्कार, छंद विषयानुकूल लगे जानकर रचनाकर्म सार्थक हुआ. सादर आभार.

मैं नहीं समझ पा रहा ये पंक्ति क्यों उलझा रही है. इसमे मैंने रोले को पूर्ण करते हुए यही तो कहा है "सारे रिश्वतखोर अफसर भ्रष्ट  और पाखंडी हैं." प्रथम पंक्ति में मैंने नेता को परिभाषित किया है और अंतिम पंक्ति में उसके बिम्ब का उपयोग किया है. फिरभी यदि कुछ त्रुटिपूर्ण लग रहा है तो मैं सुधार का प्रयास करूंगा.सादर.

 

अफसर है सब भ्रष्ट, और हैं सब नेता जी ||

आदरणीय , //अफसर है सब भ्रष्ट// यह तो स्पष्ट है कि अफसरों को भ्रष्ट बताया जा रहा है । 

//और हैं सब नेता जी // नेता जी क्या हैं ??? यहाँ मैं आपका ध्यान चाहता हूँ । 

जी..... आप अधूरे वाक्य की ओर इशारा कर रहे हैं.सादर, क्या हम इसे ऐसे पूरा नहीं मान सकते  

//और है सब नेताजी// और सब नेताजी हैं.

 यदि यह उचित नहीं है तो क्या मैं इसको // दिखे हैं ज्यों नेता जी // कहूँ  तो यह उचित होगा.यदि हाँ तो 

मेरी आदरणीय एडमिन से गुजारिश है  प्रस्तुत कुण्डलिया में यह संशोधन कर दें.सादर.

आदरणीय..अशोक जी, बड़े ही सुंदर शब्दों मे अपनी रचना प्रस्तुत की है 'लग जाती है आग, सब ही के तन बदन में. चुभते विष के दंत, सदा ही निर्मल मन में! वाह रक्ताले जी वाह ... शुभकामनाऐं स्वीकार कीजीऐ

सादर आभार आदरणीय जीतेन्द्र जी.

आदरणीय..अशोक जी, सादर आभार आपका...शुभकामनाऐं

सादर.

आदरणीय अशोकजी,  बहुत-बहुत विलम्ब से आपकी और आपकी रचना के बाद प्रस्तुत हुई रचनाओं पर आ रहा हूँ. इस हेतु सादर क्षमाप्रार्थी हूँ लेकिन दोष परिस्थितियों का भी है.  पाँच दिनों से पैरों में चक्करघिन्नी लगी है. कोलकाता, गया, इलाहाबाद, पटना..  फिर आज गया और कल कोलकाता होते हुए परसों इलाहाबाद ताकि पन्द्रह को हलद्वानी में हो सकूँ !!

९ तारीख को इलाहाबाद में वीनसजी के साथ था, कल पटना में भाई गणेश बाग़ीजी के साथ अच्छी शाम गुजरी. लेकिन नेट रुलाता रहा. गणेश भाई ने अभी तक अपने फोटो ओबीओ पर अपलोड नहीं किये हैं.... :-((((

विश्वास है, आप मेरी पारिस्थिक विवशता को समझ कर मुझे क्षमा करेंगे.

आपकी कुण्डलिया परत-दर-परत पाखण्ड के रूप खोलती जाती है. इस संयत रचनाकर्म के लिए हार्दिक धन्यवाद और अतिशय बधाइयाँ.

आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, आपके क्षमा माँगने से हम शिष्यों का लज्जित होना स्वाभाविक है, हम सभी मंच से आपके लगाव को भलीभांति जानते हैं तब यह समझ पाना कोई कठिन कार्य नहीं की आपकी  अनुपस्थिति अकारण नहीं है.हाँ आपकी प्रतीक्षा की बेसब्री अवश्य ही थी.आपसे प्रतिक्रया पाना सदा ही उत्साहवर्धक रहा है.आज भी आपकी प्रतिक्रया से उत्साहवर्धन हुआ है सादर आभार.

हाँ फोटो कुछ देर पहले ही मैं देख चुका हूँ आपका और बागी जी का साथ में बैठे हुए. कुछ छाया चित्र सबेरे वीनस जी के साथ के भी देखे हैं.सभी सुन्दर हैं.सादर. 

कहीं कुछ त्रुटिपूर्ण लिख गया हो तो क्षमा करें सादर.

यानि बाग़ी जी ने फोटो अपलोड कर दिया ?

चलिये मैं और मेरी बातो का साक्ष समक्ष है ..  :-)))))

जी.....

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय ग़ज़ल पर बधाई स्वीकारें गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतर हो जायेगी"
15 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
24 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल मुकम्मल कराने के लिये सादर बदल के ज़ियादा बेहतर हो रहा है…"
28 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, आपने मेरी टिप्पणी को मान दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
32 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, मेरी शंका का समाधान करने के लिए धन्यवाद।"
39 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुकला जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
45 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
47 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"जी ठीक है, उला सानी अदला बदली  करके भी देख लें और जो  अच्छा लगे रख लें।"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अब देखियेगा आदरणीय  हिज्र में एक ये सज़ा भी थी बे-क़रारी की इंतिहा भी थी"
4 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"जी शुक्रिया आदरणीय ज़र्रा नवाज़ी का ग़ज़ल पर"
4 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय इस ज़र्रा नवाज़ी का दूसरा मतला देखियेगा"
4 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल पर नज़र ए करम का"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service