For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भुन्सारे से संझा तक  
घूरे की तरह
उदास
चन्दा घिरा है
काले बादलों में
भरी दोपहर में !!!

सारी रोशनी
खाए जा रहा है
पलकों का बह चुका
काला कलूटा काजल

काश तुम बोलते
ये मौन चिरैया की चुप्पी तोड़ते
गुस्सा लेते
कम से कम कारण तो पता चलता
आँखों से और इन अदाओं से
पता चलता है
प्यार और तकरार
प्यास और इंतज़ार
ईमानदार और मक्कार का


तमन्ना का नहीं
 
अब देखो न
तमतमाया ये लाल चेहरा
और लाल लाल आँखें
ऐसा लग रहा है जैसे
तुम पिए खाए मैं
किसी से लड़ के आए हो
और किसी ने दिए हों धर के दो चार

अरे छोड़ो न ये तकरार
मुहब्बत का गला दबाने से
यकीन का दम घुट जाता है
और फरेब
सौतन तलाशने लगता है
मुहब्बत निभाने के लिए


मुहब्बत मरती ही नही
कितना भी गला दबा लो
रफ़ी और मुकेश के गाने
उसको गाने ही हैं
.

.

.
आए हाय फिदा हैं
हम ये रोती हँसती आँखों पे
तजुर्बा कहता है
तुम्हारे घर वालों को बुरा कहा होगा
किसी ने है न ??
वरना तुम में तो कोई बुराई है ही नही

लिपट के सिसकते हो
तो लगता है
कोई तूफान
अब थमने के लिए
मेरी धैर्य की बस्तियाँ
उजाड़ने वाला है

यूँ ही मुस्कुराते रहो
तो इश्क़ का पता कैसे चलेगा
है न ????

.......दीप............

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 464

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 16, 2013 at 12:50pm
आप सभी आदरणीय अग्रजों और सम्मानीय सदस्यों का हृदय की गहराइयों से धन्यवाद
स्नेह यूँ ही बनाए रखिए
समयाभाव और कुछ कारणों से समय कम दे पा रहा हूँ सभी से क्षमा प्रार्थी हूँ
Comment by vijay nikore on July 13, 2013 at 10:34am

//लिपट के सिसकते हो
तो लगता है
कोई तूफान
अब थमने के लिए
मेरी धैर्य की बस्तियाँ
उजाड़ने वाला है //

अति सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई, आदरणीय।।

सादर,

विजय निकोर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 12, 2013 at 1:25pm

आप सभी का हृदय से धन्यवाद और सादर आभार स्नेह यूँ ही बनाए रखिए

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2013 at 11:42am

वाह आदरणीय प्रिय मित्रवर वाह अति सुन्दर बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति बेहतरीन अभिव्यक्ति पर ढेरों बधाई स्वीकारें.

Comment by Sumit Naithani on July 12, 2013 at 9:49am

अतिसुन्दर प्रस्तुति


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 12, 2013 at 9:35am

आए हाय फिदा हैं 

हम ये रोती हँसती आँखों पे 
तजुर्बा कहता है ....................................तजुर्बा
तुम्हारे घर वालों को बुरा कहा होगा
किसी ने है न ??
वरना तुम में तो कोई बुराई है ही नही ..........................हा हा हा हा हा 

तुज़ुर्बा झलक रहा है भरपूर ..... सुन्दर अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई आ0 संदीप जी 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 11, 2013 at 8:32pm

आ0 संदीप भाई जी,  अतिसुन्दर प्रस्तुति।   हार्दिक बधाई स्वीकारें।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
13 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service