गणपति बप्पा आ गए खुशियां लाए ढेर
कष्ट हरो विनायक अब ,बिना लगाये देर //
विनायकम कहते सभी ,धरते तेरा ध्यान
तुझसे ही जीवन चले तुझसे पाते प्राण //
संकट हरलो अब सभी ,विघ्नहर्ता गणेश
चिंता हरकर छोड़ दो ,केवल खुशियाँ शेष //
देव विघ्नहर्ता बनो ,संकट मेरे टाल
खुशियां दामन में भरो कर दो मुझे निहाल //
गजानन आप इस बरस , देना अनुपम प्यार
दूर रहूँ दुख कष्ट से , पाकर ख़ुशी अपार //
गणपति बप्पा मोरया, आ गए हैं द्वार
जीवन भर उत्साह से, करते नव संचार //
बुराइयों से दूर रख ,बनना मेरे त्राण
बारम्बार करूँ नमन, दो चरणों में स्थान //
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मौलिक व अप्रकाशित
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जय श्री गणॆश आदरणीया सरिता जी ...अति सुन्दर दोहे .. बधाई ///
शुक्रिया बसंत जी
अति सुन्दर भाव पूर्ण रचना बधाई हो आदरणीया
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