For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मित्रों आप सबके समक्ष है नए सालका नया तोहफा एक नए कोने के माध्यम से| प्रस्तुत है भूले बिसरे गीतों की कहानी " गीत भूले बिसरे"| प्रतिदिन साईट में दाहिनी तरफ परिवर्तित होने वाला यह कोना आप सबको ऐसी पुरानी यादों में ले जायेगा जो मष्तिष्क के किसी कोने में अब भी तरो ताज़ा
हैं| ऐसे गीत जिन्हें जिन्हें ज़माने में उडी धूल की परतों ने धुंधला कर
दिया है, जिन्हें  सुनकर पुराने दिन चोले बदल कर सिरहाने आ बैठते हैं, दिल
के कसी कोने में एक हलचल सी मचाती है| आपकी यादों के इन्ही घरौंदों को बचा
कर रखने की एक कोशिश है " गीत भूले बिसरे"|

*मुख्य पृष्ठ पर स्थान उपलब्ध करने के लिए OBO प्रबंधन को भी बहुत बहुत धन्यवाद|

आशा है आपको यह प्रयास बहुत पसंद आयेगा|

इस कोने के बारे में अपनी प्रतिक्रया से ज़रूर अवगत कराएं|

 

आपका अपना

(राणा प्रताप सिंह)


Views: 7264

Reply to This

Replies to This Discussion

बहुत उम्दा शुरुआत .. के लिए बधाई राणा भइया

०9 Jan 11

आज का गीत लता -मुकेश की सदाबहार जोड़ी ने गाया है| फिल्म का नाम है पारस (१९७१), संगीत है कल्याण जी आनंद जी का, कलाकार हैं संजीव कुमार और राखी| एक ख़ास बात यह है कि मुकेश और संजीव कुमार का यह संयोग विरले ही मिलता है| 


प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

जी राणा जी बेहद ही सराहनीय प्रयास है ओ. बी .ओ परिवार के सदस्यों को एक बार पुनः इन भूले बिसरे गीतों से रु-ब-रु करने का .बहुत बहुत धन्यवाद

12 Jan ११

साथियों ! गीत भूले बिसरे के क्रम मे आज प्रस्तुत है वहीदा रहमान और देवानंद पर फिल्माई गई १९६५ मे प्रदर्शित फिल्म "गाइड" | इस फिल्म के निर्देशक थे विजय आनंद , संगीतकार एस. डी. वर्मन और गीतकार शैलेन्द्र साहब थे | आज भी जब यह गीत बजता है तो मन मयूर नाच उठता है , लता मंगेशकर की रेशमी आवाज, वाह वाह वाह !

 

१३ Jan ११

साथियों ! गीत भूले बिसरे के क्रम मे आज प्रस्तुत है १९५१ मे बनी गुरुदत्त की फिल्म "बाज़ी" का एक गीत, जिसको अपनी आवाज से सजाया  है महान कलाकारा गीता दत्त ने, संगीतकार है एस. डी. वर्मन और गीतकार है साहिर साहब, तो आप भी सुने और कहे ...... ये कौन आया के मेरे दिल की दुनिया में बहार आई..........

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह

१३ Jan ११

१९६१ की फिल्म ससुराल में मोहम्मद रफ़ी को गीत "तेरी प्यारी प्यारी सूरत" के लिए फिल्म फेयर अवार्ड से नवाज़ा गया था प्रस्तुत है उसी फिल्म का एक बिसरा दिया गया गीत, आवाज है मुकेश की संगीत है शंकर जयकिशन का  फिल्माया गया है महमूद और शोभा खोटे के ऊपर| इस फिल्म की खास बात यह है की यह दक्षिण की फिल्म इलारिक्कम की रीमेक थी|  

प्रस्तुति:- राणा प्रताप सिंह
महुवा घटवारिन की प्रेम कथा और मुकेश की मनमोहक आवाज से सजा गीत "दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई ", बहुत ही कम लोगो ने इसे लता जी की आवाज में सुना होगा, तो लीजिये हम लेकर आ गए लता जी की आवाज में "दुनिया बनाने वाले" फिल्म है तीसरी कसम और गीतकार हैं शैलेन्द्र|
Really remarkable post on OPEN BOOK ON LINE.COM by RANAPRATAP SINGH

शास्त्रीय गीतों को गाने में आदरणीय मन्ना डे साहब का जवाब नहीं था, आज प्रस्तुत है उन्ही की आवाज में १९६९ मे रिलीज़ फिल्म तलाश का एक बेहद खुबसूरत गीत...

आज का गीत १९६४ की फिल्म जहाँआरा से है, गायक हैं मखमली आवाज के मालिक तलत महमूद , संगीतकार हैं मदन मोहन और गीतकार हैं राजिंदर कृष्ण

संगीत प्रेमियों ! प्रस्तुत है आज का गीत जो १९७१ मे वी. शांताराम के निर्देशन मे प्रदर्शित हुई फिल्म, जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली का है , गीत लिखे थे मजरूह सुल्तानपुरी ने संगीत दिये थे लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और स्वर से सजाया था लता मंगेशकर एवं मुकेश ने , एक और खास बात, हिन्दुस्तानी फ़िल्म संगीत मे प्रथम बार इसी फ़िल्म के संगीत मे स्टीरियो फोनिक साउंड का प्रयोग किया गया था| तो सुनिये और महसूस कीजिये संगीत का एक अलग अंदाज .....
राणा जी बहुत प्यारा गीत सुनवाया
धन्यवाद 
"ग़ज़ल" फिल्म के कुछ गीत सुना दीजिये तो मज़ा आ जाये 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted discussions
1 hour ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
14 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
14 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
yesterday
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service