For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रिपोर्ट :- हीरे जैसी धार बनाम कथ्य शिल्प -०४

रिपोर्ट :-  'हीरे जैसी धार' बनाम कथ्य शिल्प -०४ 

कथ्य शिल्प की चौथी मासिक कवि गोष्ठी दिनांक ०८ फरवरी २०११ को काशी के पराडकर भवन में आयोजित की गयी | अध्यक्षता पंडित श्रीकृष्ण तिवारी ने की | विशिष्ट अतिथि के रूप प्रख्यात समीक्षक द्वय डॉ. रामसुधार सिंह और डॉ. जीतेंद्र नाथ मिश्र उपस्थित थे | इस बार गोष्ठी में गणेश गंभीर के काव्य संग्रह "हीरे जैसी धार " और श्री प्रकाश श्रीवास्तव के ग़ज़ल संग्रह "रोशनी कैद हुई कातिलों की मुठ्ठी में " का विमोचन भी हुआ | इन पुस्तकों पर युवा कवि व्योमेश शुक्ल ने विचार रखे |

समीक्षक डॉ राम सुधार ने कहा कि आज के अधिकाँश शायर - कवि अपनी रचनाओं में सपाट बयानी करते दिख रहे हैं | उन्हें रचना कर्म में गंभीरता लाने की ज़रूरत है |साथ ही अपनी परम्पराओं और मिथकों से भी पाठकों को एक रचनाकार को रूबरू कराना चाहिए |

अबकी दस रचनाएँ पढ़ने की बारी धर्मेन्द्र गुप्त साहिल की थी उन्होंने अपनी दस उत्कृष्ट ग़ज़लों का पाठ किया | तत्पश्चात अजीत श्रीवास्तव के सञ्चालन में उपस्थित अन्य रचनाकारों सर्वश्री नरोत्तम शिल्पी , अजय सिंह अवाक ,  अभिनव अरुण , डॉ मंजरी पाण्डेय , डॉ अत्री भारद्वाज ,रोशन अली रोशन ,राम नरेश महंगावी आदि कवियों शायरों ने रचना पाठ किया |धन्यवाद ज्ञापन विश्वास गुर्दे ने किया |

(मेरी इन रिपोर्टों का उद्देश्य मात्र उन गतिविधियों से साथियों को अवगत कराना है जो काशी में यथा समय होती है और जिनमे मैं उपस्थित रहता हूँ |)

Views: 301

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on February 11, 2011 at 12:53pm
शुक्रिया श्री आर एन तिवारी जी |
Comment by R N Tiwari on February 9, 2011 at 10:25am

बहूत बहूत बधाई. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service