रिपोर्ट :- आचार्य का बाण भट्ट काशी में
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का 'रंगमंडल' इन दिनों काशी में है | ०९ और १० फरवरी २०११ को एम.के.रैना के निर्देशन में "बाण भट्ट की आत्मकथा "का मंचन किया गया | नागरी नाटक मंडली के प्रेक्षागृह में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की इस कालजयी रचना को कलाकारों ने जीवंत कर दिया |प्रकाश और ध्वनि तथा संगीत संयोजन उत्कृष्ट रहा | बनारस में नाटक के सुधि दर्शक हैं यह उपस्थित भीड़ बता रही थी | सभागार में कई बार तालियों की गडगडाहट भी गूंज जाती |
११ और १२ को रंगमंडल विजय तेंदुलकर का नाटक 'जात ना पूछो साधु की 'का मंचन करेगा |इसका निर्देशन राजिंदर नाथ ने किया है |
नाटक देखने घर से कल शाम निकला तो एक जगह मुख्यमंत्री के दौरे के कारण सड़क प्रशासन द्वारा रोक दी गयी थी | जनता के बीच चर्चा सुनी की एक काशी के प्रधान मंत्री थे लाल बहादुर शास्त्री जिनकी सादगी की चर्चा के किस्से मशहूर हैं | प्रधान मंत्री बनने की बाद भी जिन्होंने एक कार नहीं खरीदी | जिनके रूस दौरे पर जाने के लिये एक कोट तक नहीं था | और जो प्रधान मंत्री बन दिल्ली जाने लगे तो पुराने कपडे वगैरह देकर अपनी धर्म पत्नी को सिल टाँक कर ठीक करने को कहा |... आज जनता से ही उसके चुने नेताओं को खतरा है ...|
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