For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुक्ति- बंधन //कुशवाहा //

मुक्ति- बंधन //कुशवाहा //
---------------------------

पिंजरे में कैद पंछी
निहारता आसमान को
बाहर आने को बेताब
बंधन
अस्वीकार्य


दीवार को पकड
इधर उधर
झांकता
राश्ते की तलाश
आसान नही
मुक्ति/ बंधन


क्रोधित असहाय
चिल्लाता
घायल बदन / घायल आत्मा
छिपता भी तो नहीं
रिसता लहू
गवाह
जंग- ए- आजादी का


खिसियाहट झल्लाहट
बेबसी
फडफडाहट
गति देती
उड़ जाने को
जिंदगी भी तों इस से
इतर नही ?

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
०५-०५-२०१४
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 392

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 4, 2014 at 3:14pm

सादर आभार प्रोत्साहन हेतु 

आदरणीया राजेश कुमारी जी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 4, 2014 at 3:13pm

परम सनेही जीतेन्द्र जी 

सादर आभार प्रोत्साहन हेतु. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 4, 2014 at 3:06pm

समर्थन हेतु आभार आदरणीय सिंह साहब जी 

सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 4, 2014 at 10:55am

कैद किसको पसंद है ,चाहे इंसा हो या परिंदा हर कोई मुक्ति चाहता है उसके लिए हर कोई प्रयास करता है 

खिसियाहट झल्लाहट 
बेबसी 
फडफडाहट 
गति देती 
उड़ जाने को 
जिंदगी भी तों इस से 
इतर नही ?---सच कहा ...जिन्दगी की गतिशीलता मुक्ति में ही है 

सुन्दर प्रस्तुति ..बहुत बहुत बधाई आ० प्रदीप कुशवाह जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 4, 2014 at 9:36am

बहुत प्रभावशाली रचना प्रस्तुति आदरणीय प्रदीप जी, आपको हार्दिक बधाई

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 3, 2014 at 8:09pm

खिसियाहट झल्लाहट 
बेबसी 
फडफडाहट 
गति देती 
उड़ जाने को 
जिंदगी भी तों इस से 
इतर नही ?

निश्चय ही!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service