वक्त, यूँ सोचा न था, इक दिन हवा हो जायेगा
जु़ल्फ़ से भरपूर ये सर, चॉंद सा हो जायेगा।
हम मिले, तो पूछ मत, क्या फ़ायदा हो जायेगा
तेरे अब्बा का पता, मेरा पता हो जायेगा।
बंद डिब्बा दूध बच्चा, गुलगुला हो जायेगा
और भूखा बाप इक दिन सींकिया हो जायेगा।
है बहुत मजबूर, अद्धी पी रहा है, जानकर;
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा।
बस यही तो सोचकर वो शादियॉं करता रहा
दर्द बढ़ता ही गया तो खुद दवा हो जायेगा।
रंग का त्यौहार है छेड़ें न क्यूँकर लड़कियॉं
मुँह अगर काला हुआ तो क्या नया हो जायेगा।
जिस्म सल्लू सा दिखा तो आपसे शादी करी
ये न सोचा था बदन यूँ पिलपिला हो जायेगा।
हो गया बेटा जवां, ये हरकतें मत कीजिये
वरना वो भी आप सा ही मनचला हो जायेगा।
हुस्न की शहजादियों को मुँह लगाना छोडि़ये
गर किसी को भा गया तो पोपला हो जायेगा।
इश्क जिससे हो गया ‘राही’ न शादी कीजिये
इश्क का सारा मज़ा ही किरकिरा हो जायेगा।
----------------------------------------------------------
//श्री वीनश केसरी जी//
एक दिन पव्वा पिला , वो रहनुमा हो जाएगा,
चार दिन अध्धी पिला दे तो खुदा हो जाएगा |
घर पहुँच ही जायेंगे पर पहले खम्बा खत्म कर,
किसको है बाईक चलाना फैसला हो जाएगा |
चिप्स सोडा बर्फ और नमकीन के बिन क्या मज़ा,
ये नहीं होंगे तो खम्बा अनमना हो जायेगा |
उसकी आखों में नशा है उसकी बातों में नशा
नालियां कहती हैं, वो इक दिन मेरा हो जाएगा |
आज जो काजू की बेटी से मुहब्बत कर रहा,
शर्तिया इक दिन वो देसी का सगा हो जाएगा |
मत परेशां हो अगर गुझिया में कीड़ा गिर गया,
तल के निकलेगा तो वो भी कुरकुरा हो जाएगा |
इक दिन पी, चार दिन तू सूंघ कर ही छोड़ दे,
“रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा” |
------------------------------------------------------
क्या पता था इस कदर चिकना घड़ा हो जाएगा,
घर मेरा, मेहमां का स्थाई पता हो जाएगा |
मैं ग़ज़ल पढ़ दूं मगर , पब्लिक का जिम्मा आपका,
दूर तक तन्हाईयों का सिलसिला हो जाएगा |
भाँग जिसने खाई पहली बार उसको क्या पता,
जब हंसेगा, हँसते हँसते पोपला हो जाएगा |
जाम, साकी, मय का प्याला, सोम, मधुशाला, अबे,
बस भी कर वरना तू शायर बावला हो जाएगा |
तू मुझे फुसला रहा है रंग की बल्टी लिए,
मैं शराफत छोड़ दूं, तेरा "भला" हो जाएगा |
गर इलाहाबाद की होली तेरे शह्र आ गई,
तू भी कपड़ा फाड़ होली का जिला हो जाएगा |
कहते कहते थक गया तुझको समझ आता नहीं ?
"रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा"
-------------------------------------------------------------
क्या पता था इस तरह का हादसा हो जाएगा
इतने सारे बेवडों से राबिता हो जाएगा
मृग नयन साकी का चक्कर अब न छोडेगा अगर
खंडहर हो जाएगा, भस्का किला हो जाएगा
चाँद-सूरज, फूल-तितली, जाम-मय, गर छोड़ दें
शायरों की डायरी से सब सफा हो जाएगा
फाइलातुन, फ़ाइलुन, मुस्तफ्यलुन में फँस गए
सोचते थे शाईरी से फ़ायदा हो जाएगा
"दोस्ती" के साथ तूने "दुश्मनी" तो लिख दिया
क्या तुझे मालूम है "छोटी इता" हो जाएगा ?
अब मुझे क्या कह रहा, दो बार तो समझाया था
"रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा"
दो ही मिसरों में तू अपनी बात "वीनस" खत्म कर
चार मिसरों में लिखेगा तो "कतआ" हो जाएगा
-----------------------------------------------------
//श्री शेषधर तिवारी जी//
आज जम कर पी लिया है यार, क्या हो जाएगा
गर नहीं अच्छा, तो ठेंगे से, बुरा हो जाएगा
फायदा होगा, नियम से हर शनीचर जो पिया
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा
पी लिया तो जी लिया हँस कर सभी के साथ में
है मुसीबत, न पिए, सब से जुदा हो जाएगा
भांग की गोली गटक कर ठंडई भी पी लिया
गर शुरू हंसना हुआ तो सिलसिला हो जाएगा
जिन बियर थोड़ी सगुन करने को हमने पी लिया
आज व्हिस्की भी मिले तो तर गला हो जाएगा
नालियों में ही पियक्कड क्यों गिरा, जब पी लिया
"शेष" गर ये राज खुल जाए तो क्या हो जाएगा
-------------------------------------------------------------
//श्री राणा प्रताप सिंह जी//
दोस्तों के सामने तो शेर सा हो जायेगा
सामने बीवी के आते मेमना हो जायेगा
ये नहीं तो वो सही और वो नहीं तो वो सही
एक पर टिकने से तेरा क्या भला हो जायेगा
चार मर्डर, दस अपहरण कर लिया जो शान से
मुल्क का इक दिन यक़ीनन रहनुमा हो जायेगा
चार दिन व्हिस्की पियो और चार दिन खिसके रहो
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा
अपनी सूरत को ज़रा तरतीब से प्रस्तुत करो
वरना कानी आँख का सबको पता हो जायेगा
साईकिल को बेचकर लूना खरीदी जो अगर
लिफ्ट लेने वालो का फिर तो मज़ा हो जायेगा
प्रेमियों की कर सेटिंग अपनी सुनकर शायरी
तू मोहल्ले भर का इकलौता चचा हो जायेगा
ए हसीना अपनी जुल्फों को ज़रा महफूज़ रख
विग अगर सर से उड़ा तो बलवला हो जायेगा
तू सुनाना शेर अपने आजू बाजू देखकर
जाहिलों के सामने वो चुटकुला हो जायेगा
--------------------------------------------
//श्री प्रकाश पाखी जी//
गुस्सा टेंसन चिंता सब कुछ अब हवा हो जाएगा
बीवी गाडी बंगला सब, अब नया हो जाएगा
जाम भीतर जो गया बे फिकरी ही बे फिकरी है
कल की छोडो माफ़ जो अब कहा सुना हो जाएगा
विस्की रम जिन वोदका पी लेते है जी लेते है
छोड़ इसको देंगे तो भी क्या नया हो जाएगा
मौज मस्ती खूब करलो याद रखना यह सदा
रोज पव्वा पीलिया तो पीलिया हो जाएगा
बेवफाई कितनी कर ली जख्म कितने दे दिए
जान लेकर अब तो खुश कातिल मिरा हो जाएगा
--------------------------------------------------------
//श्री गणेश बागी जी//
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा,
जान से जायेगा पर सबका भला हो जायेगा
जाम पर ज़ाया जो करता दे जरूरतमंद को,
तू गरीबों की नजर में देवता हो जायेगा,
दस अगर मिल खेल ले जितना सचिन है खेलता,
इंडिया की जीत का फिर सिलसिला हो जायेगा,
संग यारों के वफ़ा की बात करते हो सदा,
शौकिया पीता अभी फिर मन बढ़ा हो जायेगा,
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा , (१)
खून पीते देख मच्छर से बगलगीर ने कहा,
बेवड़े का खून पीया जो छक्का हो जायेगा, (२)
भूत होली में सिखाया प्यार से कल यार को,
OBO पर जायेगा तो मनुष्य सा हो जायेगा, (३)
दारू पीना गलत है कहते ऐसा क्यू कर मिया,
पैग पी लो प्रवचन का खात्मा हो जायेगा, (४)
दिल, ज़िगर औ फेफड़ा एक ही बनाया राम ने,
किडनी दो, पीने वालो का मज़ा हो जायेगा | (५)
----------------------------------------------------------
क्या खबर थी फेल सारा फलसफा हो जाएगा !
बनके दूल्हा शेर मुझ सा भी गधा हो जाएगा !
बात मेरी मान ले शादी को लिल्लाह भूल जा,
आज का राजा नहीं कल को प्रजा हो जाएगा !
ठोकता हूँ रोज़ बोतल जब से यारों ने कहा,
हरेक बहाना नाकाम छलिया हो जायेगा।
रोज पव्वा पीलिया तो पीलिया हो जायेगा।।
खाना-खराब खाली खीसिया हो जायेगा।
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा।।
दर्दे-दिल की दवा जामे-मए नहीं लबे-शीरीं हैं ।
आॅंखों से पीयें ईलाज शर्तिया हो जायेगा ।।
गर बेवफा मेहबूब है तो सब्र से काम लेना।
उलफत में रंग दो भला बीचिया हो जायेगा।।
इस मए की ये कुदरती तासीर हैं यारों।
शेर भी बदहवासी में मेमना हो जायेगा ।।
समन्दर से ज्यादा शराब में डूब गये दोस्तों।
मए के प्यालो से आखिर मोतिया हो जायेगा ।।
मए-हुस्न ही रंजो-गम में राहत देता हैं ।
दवा औ दारू से प्रेम इश्किया हो जायेगा ।।
मैकशी का आगाज औ अंजाम बुरा होता है ।
बंगला भी कुटिया में तब्दील मिया हो जायेगा ।।
बेवफाई के शिकवे-गिले तब दूर होंगे।
जब वफाऔजफा का इन्तिहा हो जायेगा।।
पारस के संग से लोहा कंचन हो जाता है।
सज्जन संग करेगा कीमिया हो जायेगा।।
पहले मए फिर मए को मए आखिर मैकश को मए।
रूस्तम सा पीते पीते सींकिया हो जायेगा।।
शौके-नशा धीरे-धीरे आदत बन जाता हैं।
नूरानी चेहरा भी दीनिया हो जायेगा।।
दिले-नादाॅ मैकशी में जुबाॅ पे लगाम रख।
वरन गफलत में पीटते दलिया हो जायेगा।।
नशा वही जो इकबार चढके उतरे ना कभी।
सब रस निरस जब इश्के-खुदा हो जायेगा।।
दिल से दिल की जा गर रूह से रूह मिल जाये तो।
खुद-ब-खुद मुखालिफों में ‘‘चन्दन‘‘ तस्फिया हो जायेगा।।
----------------------------------------------------------------
//मोहतरमा मुमताज़ नाजा जी//
नशे में इन्सान से इक दिन गधा हो जाएगा
रंग में होली के हल हर मसअला हो जायेगा ,
प्रेम से मिल लो गले रिश्ता हरा हो जायेगा |
आज होली है चलो हम माफ करते हैं तुम्हें ,
रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा |
श्याम के रंग में रंगी मीरा अभी तक गा रही ,
कब लगायेगा वो रंग मुझको मेरा हो जायेगा |
गांव की गलियों में हँसता खेलता खुश है बहुत ,
कल बड़ा होकर ये बच्चा शहर का हो जायेगा |
तुम मेरे मन को रंगों और मैं तेरे मन को रंगूँ ,
इस तरह ये प्रीत का पौधा बड़ा हो जायेगा |
क्या उन्हें रंगना रंगे रहते जो देखो वर्ष भर ,
रंग पर रंग रंग दिया तो रंग खफा हो जायेगा |
इन त्योहारों का मकसद है कि हम मिलकर रहें ,
शाख से टूटा हुआ पत्ता फ़ना हो जायेगा |
रंग बनावट का उतारो आईने के रूबरू ,
आदमी का आदमी से सामना हो जायेगारोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा
आज हथियाया हुआ कल दूब सा हो जाएगा
दूब जैसा हो गया तो गाय खा लेगी तुझे
सोच उसके पेट में जाकर तू क्या हो जाएगा
रंग से नहला दो उसको जो नहाता हो नहीं
इस बहाने काम तो एक धर्म का हो जाएगा
जो मिले नेता पकड़कर खूब रगड़ो कीच में
नालियाँ गंदी बहुत उसको पता हो जाएगा
मनचला कोई मिले तो बैटरी की कालिखें
मुँह पे मल देना पलों में गाय सा हो जाएगा
----------------------------------------------------
//मोहतरमा हरकीरत हीर जी//
छर्र... रर रर हुर्र...ररर, हो हा हा हो जायेगा
हर गली का आशिक आज कान्हा हो जायेगा
उड़ा दिलों की दुश्मनियाँ तू फिजां में रंगों संग
लग जा गले सभी के, दूर गिला हो जायेगा
नजरें न मिला, लगाने गुलाल के बहाने यूँ
कुछ और ठहर गईं जो ,लवरिया हो जाएगा
पी नजरों से मेरी , छोड़ ये दारू का नशा
रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा
चाँद उतरा,सजा रंगों की थाली , आसमां में
आज फ़लक भी देख लाल,पीला हो जायेगा
मचा है कोहराम जापान में जो आज ' हीर'
इन्हीं रंगों में वो कहीं , गुमशुदा हो जायेगा
(एक शेर वीनस जी के लिए )
तेरे कुरकुरों से है ,उबकाई अब आने लगी
घरभर से हर कीड़ा आज दफा हो जायगा
--------------------------------------------------
//श्री वीरेंदर जैन जी//
बन गया मामा अगर तो हादसा हो जायगा
डॉक्टर की नसीहत से बस तेरा भला हो जायेगा,
ये बेवडे सरफिरे शराबी
इनके भेजे मे कुछ ना जाएगा
गाली का शोर तेरा
इनकी गजलों मे बह जाएगा
एक लगा दे चपत सखी तो
चार चार नजर आएगा
उतर जायेगा नशा
फिर तो समझ आएगा
रोज पव्वा पी लिया तो
पीलिया हो जायेगा ....
------------------------------------------
Tags:
Bahut accha kaam kiya aapne Yograj Ji.
Iske liye aap ko bahut bahut aabhar.............
Shukriya Guru jee
हा हा हा
ये कमाल का संकलन है
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |