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आदरणीय भाई कृष्ण जी लघुकथा के प्रयास पर सराहना और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
आ० मिथिलेश जी
बहुत बढ़िया कहानी . थोडा विस्तार लेती हई . आपको बधाई .
आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर लघुकथा के प्रयास पर सराहना और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
विस्तार कम करने का प्रयास किया है जो मुझे भाया नहीं
हाँ अनावश्यक के वाक्यांश हटाने का प्रयास किया है
जब इसे संक्षिप्त किया तो बयानबाजी बन गई-
प्लेटफॉर्म पर झाड़ू लगाती लक्ष्मी को भरी-पूरी नज़रों से ताड़ते हुए भिखारी बोला-“ए लछमी, तू इस काम को थोड़े ही बनी है।”
“ई तो किस्मत है बाबा।” कहकर टालते हुए, चुपचाप अपना काम करती रही। वैसे लक्ष्मी को ऐसी नज़रों की खूब पहचान थी।
अचानक भिखारी ने किसी से भीख में मिला खाने के पैकेट कम्बल के पास रखा और टॉयलेट चला गया।
लक्ष्मी ने सफाई के क्रम में खाने का पैकेट उठाया ही था कि भिखारी चीख सुनी- "हे भगवान! इसने धरम भरस्ट कर दिया।"
दोनों की नई पहचान उभर आई.
मिथिलेश जी
बहुत अच्छा , कम्पैक्ट .
मिथिलेश जी ! माली हालत इंसान की जैसी भी हो, पर व्यक्तित्व का दोहरापन(दोगलापन) बेवफा नहीं होती..... इस रचना के लिए बधाई हो.. सादर
आदरणीय SHARAD SINGH "VINOD" जी लघुकथा के प्रयास पर सराहना और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
वाह्ह्ह सुंदर कथा हार्दिक बधाई
आदरणीय Pankaj Joshi जी लघुकथा के प्रयास पर सराहना और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी , सर्वप्रथम एक श्रेष्ठ लघुकथा सृजन हेतु आपको अनंत बधाई | कथा को पढ़ते समय बिल्कुल भी अहसास ही नहीं हुआ कि अंत आखिर होगा क्या ? यही एक सफल लेखक की पहचान है | पाठक अंत तक बंधा रहता है |लक्ष्मी का चरित्र ह्रदय को छू गया और बाबा बनाम भिखारी के प्रति नफरत के भाव भी उत्पन्न हुए | एक बार पुनः हार्दिक बधाई आपको |
आदरणीया डिम्पल गौड़ 'अनन्या' जी लघुकथा के प्रयास पर सराहना और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
\\कथा को पढ़ते समय बिल्कुल भी अहसास ही नहीं हुआ कि अंत आखिर होगा क्या ? \\ आपकी प्रतिक्रिया के इन शब्दों के लिए तरस गया था, इस सस्पेंस के झटके को पैदा करने के क्रम में कथानक का विस्तार हुआ है
आपकी इस प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार.
भिखारी की जोरदार चीख उसके कानों में पड़ी- "हे भगवान! इसने मेरा धरम भरस्ट कर दिया।" पढ़ते ही लघुकथा ने जोरदार jha
आदरणीय ओमप्रकाश जी लघुकथा के प्रयास पर सराहना और सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
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