Tags:
Replies are closed for this discussion.
परिवार में आज भी ऐसा होता है स्त्रियों की अनदेखी विशेषकर उनके स्वास्थ्य अनदेखी तो बड़ी आम बात है .. बेटियाँ संवेदनशील होती हैं माँ के प्रति.. किन्तु अपनी सहचरी के लिए पति का भी तो कुछ दायित्व बनता है.. सवाल उठाती कथा के लिए बहुत बधाई शशि जी..
बहुत खूब आ० शशि बंसल जी, बहुत ही सन्देशपरक लघुकथा हुई है और वह भी विषयानुरूप ! जिस हेतु मेरी दिली बधाई प्रस्तुत है ! यहाँ अमित के कमरे में सिगरेट के छल्लों के साथ साथ वहां धुयाँ भरे होने का ज़िक्र भी हो जाता तो बेहतर रहता ! पंच लाइन ज्यादा विस्तार ले गई है, ज़रा ध्यान दें ! पिता द्वारा फैलाये धुएँ की वजह से माँ को खांसी की "सौगात" मिलने का जिक्र अंत को और मारक बना सकता है !
आदरणीय शशि जी, बहुत मार्मिक और चुटीली लघुकथा लिखी है!हार्दिक बधाई!
आदरणीया शशि जी, प्रदत्त विषय को सार्थक करती शानदार लघुकथा हुई है. इस प्रश्न का प्रभाव गहरे तक मन में उतर गया है. हार्दिक बधाई. सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |