For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बे-शक ही न्यारा होगा

22/122/22

बेशक ये न्यारा होगा
यह देश हमारा होगा

मिट जाएगा जब मजहब
सब का गुजारा होगा

सिद्दत से कितनी इसको
सब ने संवारा होगा

दुश्मन के काफिलों को
चुन-चुन के मारा होगा

वादी हवा ये गुलशन
सब कुछ ही प्यारा होगा

मौलिक/ अप्रकाशित
आमोद बिंदौरी

Views: 500

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amod shrivastav (bindouri) on November 8, 2015 at 7:10pm
आज एक गजल पोस्ट की है सायद कल तक अप्रूब्द हो जाये उसके बाद की रचनाएँ अब सिर्फ गंभीर ही आएगी नमन
Comment by amod shrivastav (bindouri) on November 8, 2015 at 7:08pm
आ रवि सर मैं अभी गजल की मंत्रा भार पर बिठाना और शब्द का सही तरीके से लिखने वाले अध्याय में हूँ अभी मैं शब्द से खेल नही पा रहा हूँ पर आप की बात मैं समझ गया मैं अब वक्त देता हूँ और अगली रचना गंभीर ठीक आएगी
सभी को नमन आभार
Comment by amod shrivastav (bindouri) on November 8, 2015 at 7:03pm
आ मिथलेश सर आ आबिद अली सर आ रवि सर सादर नमन आभार
Comment by Ravi Shukla on November 8, 2015 at 9:40am
आदरणीय आमोद जी सुन्दर प्रयास हुआ है बधाई इसके लिए । पोस्ट होने से पूर्व रचना कुछ समय और चाहती थी ।
Comment by Abid ali mansoori on November 6, 2015 at 11:38pm

बेशक न्यारा है,  यह देश हमारा है! वधाई आमोद जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on November 6, 2015 at 8:49pm

बढ़िया प्रयास हुआ है आदरणीय आमोद जी हार्दिक बधाई 

Comment by amod shrivastav (bindouri) on November 6, 2015 at 8:13pm
क्षमा चाहूँगा
बेशक हमारा होगा
यह देश न्यारा होगा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
7 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service