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बहुत अनूठा संकल्प अपने अधूरेपन से दूसरों का अधूरापन दूर करने का... बढ़िया कथा.. बहुत नेक संदेश का प्रतिपादन करती कथा पर बहुत बधाई दीदी...
दिल से आभार प्रिय सीमा जी।
तहे दिल से शुक्रिया श्री सुनील वर्मा जी।
आपका बहुत बहुत आभार आ. शशि बंसल जी।
ममता की सच्ची तस्वीर यही है जो कुछ आपने कहा आदरणीया नीरज शर्मा जी, माँ को ईश्वर तुल्य भी इसीलिए माना गया है| इस लघुकथा के सृजन हेतु कृपया सादर बधाई स्वीकार करें|
हार्दिक आभार आ. चंद्रेश जी आपकी प्रतिक्रिया के लिए।
शुक्रिया दिल से प्रिय ज्योत्सना जी, कथा कामयाब हुई आपके दिल को छूने में।
हार्दिक आभार प्रिय रश्मि जी।
आदरनीया नीरज जी , आप जी की लघुकथा ने काफ़ी भावुक कर दिया, ऐसे बहुत से परिवार होते है , जिनके बच्चे पैदा नहीं होते -मगर इस लघुकथा को जैसा कहा- बहुत अच्छा लगा , बधाई हो
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