Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणिय रवी प्रभाकर जी //काश पूरा हिन्दुस्तान भी इसी तरह बेहतर हो--क्या हो पाएगा ऐसा?// यही कथा का अंत सोचा था पूर्व मे लेकिन "लघुकथा प्राय समस्याजनक स्िथती की ओर संकेतात्मक अभिव्यक्ित देकर ही मौन हो जाती है" यह नियम मानस मे नही था सो अगली पंक्ति जोड दी ,लेकिन अब समझ गयी हूँ अगली रचना पर ध्यान रहेगा.आ्भार आपका रचना पर समय के लिये
किसी को तो पहल करनी थी... आखिर गलत को गलत कहना ही होगा.. ऐसे सकारात्मक संकल्प समाज अव्ह्य बदलाव लायेंगे.. ह्रदय से शुभकामनाएँ आरती जी.
आभार आपका सीमा जी मगर आपसे सिर्फ़ बधाई नही समिक्षात्मक टिप्पणी का इंतजार रहता है.
नेहा जी मेरे हिसाब से यह काल दोष सें पीड़ित इसलिये नही है कि फ़्लेश बेक मे चली है और अंत वर्तमान मे संरपच बनने के साथ नशा मुक्ति के संकल्प से हुआ है.फिर भी आपने रचना पर समय दिया आभार आपका
उचित सन्देश देती इस रचना हेतु कृपया सादर बधाई स्वीकार करें, आदरणीया नयना जी !
आभार आपका चंद्रेश जी मगर आपसे सिर्फ़ बधाई नही समिक्षात्मक टिप्पणी का इंतजार रहता है.
समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ने का मजबूत संकल्प कैसे दृढ़ इरादों से पूरा हो सकता है,दर्शाती सुन्दर लघुकथा प्रिय नयना जी। बधाई।
आभार आपका आपने रचना पर पर समय दिया .
अगर ठान लें तो क्या नहीं किया जा सकता , बढ़िया रचना प्रदत्त विषय पर । लेकिन लघुकथा के दायरे को पार कर गयी है ये रचना , शुभकामनायें आपको
प्रयास सतत रहता है सर लघु कथा के लिये मगर अभी शायद वक्त चाहिये ओर अधिक समझने के लिये.आभार आपका आप रचना पर आए.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |