आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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aadrniya pratibha ji bahut sundar katha, badhai
sirsak se nayaay ke sath hi samaj ki dohri mansikta par bhi achcha kataksh
सबके ताजिए ठंडे कर दिया ।बधाई बेहतरीन कथा हेतु आदरणीय प्रतिभा पाण्डे जी।
हार्दिक आभार आदरणीय पवन जैन जी इस अंदाज़ में सराहना के लिए
हार्दिक आभार आदरणीय राजेंदर गौर जी
बढ़िया कथा हुई है आदरणीया प्रतिभा दी । बधाई स्वीकारें ।
हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना जी
बहुत सुंदर कथा हुई है आदरणीय प्रतिभा जी...
हार्दिक आभार आदरणीया सीमा जी ,प्रयास को पसंद करने के लिए
आदरणीय प्रतिभाजी बहुत अच्छी हुई कहानी. वैसे एक मानसिकता अपनी उजागर हुई कि पुलिस वालों को देख सिर्फ लफडा होने का ही अंदेशा होता है. इस कहानी में शिकारी खुद यहाँ शिकार हो गए, वाह.
सही कहा आपने ,पुलिस और लफड़ा पर्याय वाची से लगते हैं , कथा के मर्म का अनुमोदन करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीया रीता जी
हार्दिक आभार आदरणीय पंकज जोशी जी
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