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नेताजी (मुक्तक - बहर 2122×4)

आज तेइस जनवरी है याद नेताजी की कर लें,
हिन्द की आज़ाद सैना की दिलों में याद भर लें,
खून तुम मुझको अगर दो तो मैं आज़ादी तुम्हें दूँ,
इस अमर ललकार को सब हिन्दवासी उर में धर लें।

मौलिक व अप्रकाशित

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 26, 2017 at 8:29pm

आदरनीय वासुदेव भाई , सही समय मे सही प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई । आ. समर भाई जी की बातों का ख्याल कीजियेगा ।

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 26, 2017 at 1:13pm
आ0 मिथिलेश जी आपका हार्दिक आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 25, 2017 at 7:06pm

आदरणीय बासुदेव अग्रवाल 'नमन'जी, नेता जी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित बहुत बढ़िया मुक्तक लिखा है आपने, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

वैसे यह कथन "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" प्रसिद्द है. सादर  

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 25, 2017 at 1:53pm
आ0 समर साहिब बहुत आभार। आपकी प्रतिक्रिया से हरबार कुछ नया सीखने को मिलता है। तुझे को तुम्हें कर दिया गया है।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 25, 2017 at 1:51pm
आ0 मोहम्मद आरिफ साहिब बहुत बहुत आभार।
Comment by Samar kabeer on January 24, 2017 at 2:26pm
जनाब बासुदेव अग्रवाल 'नमन'जी आदाब,नेता जी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित अच्छा मुक्तक लिखा,बधाई स्वीकार करें ।
मुक्तक की तीसरी पंक्ति देखिये:-
'खून तुम मुझको अगर दो, तो में आज़ादी तुझे दूँ'
इस पंक्ति में 'तुम' और 'तुझे' ?
Comment by Mohammed Arif on January 23, 2017 at 5:24pm
आदरणीय वासुदेवजी, नमस्कार ! बेहतरीन देश भक्तिंं मुक्तक के लिए बधाई ।

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