आदरणीय साथिओ,
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लघु कथा के लिए बधाई ! आपको बरखा जी ।
अच्छी लघुकथा है आ. बरखा जी. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए.
1. छोटू के आने के पहले यदि तनाव को थोड़ा और बढ़ाया जाता तो उसका आते ही अपने पापा की कलाई को काटना थोड़ा और स्वाभाविक लगता.
2. //“चाची आप ठीक तो हो न?”//
3. //आज तुमने मुझे फ़रिश्ता बन कर बचा लिया ।// इस वाक्य या तो यूँ करिए, "आज तुमने मुझे बचा लिया।" अथवा यूँ, "आज तुम मेरे लिए फ़रिश्ता बन कर आ गए।"
4. हिराकत = हिक़ारत
5. प्रश्नवाचक चिह्न और पूर्ण अथवा अल्प विराम चिह्न के पहले स्पेस देने की आवश्यकता नहीं है.
सादर.
प्रदत्त विषय 'फरिश्ते' को सार्थक करने का अच्छा प्रयास किया गया है परन्तु लघुकथा अभी मारक नहीं बनी । लेखकीय प्रवेश के संदर्भ में आदरणीयप्रधान संपादक जी की टिप्पणी पर गौर फरमाएं । आयोजन में सहभागिता हेतु हार्दिक शुभकामनाएं। सादर
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