For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बारिश की क्षणिकाएँ


(1) बूँदें नहीं
चाँदी के सिक्के गिरते हैं
बादलों की झोली से
और धरती लूट लेती है ।
*******
(2) वर्षा कुबेर
दोनों हाथों से लुटाता है
वर्षा -धन
नदियाँ, सरोवर और तालाब
लूटकर संग्रहित कर लेते हैं ।
*******
(3) बारिश की आत्मकथा
साल भर लिखते रहते हैं
पेड़-पौधे और हरियाली ।
*******
(4) बारिश की बूँदें
नई धुनें
तैयार करने लगती है
राग-मल्हार के लिए ।
*******
(5) बारिश का
अहसास कब होता है ?
जब अवचेतन में बसी नदी
उफनने लगती है ।
*******
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 885

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on July 18, 2018 at 8:39am

हार्दिक आभार आदरणीय विजय शंकर जी ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 18, 2018 at 7:55am

बारिश की आत्मकथा
साल भर लिखते रहते हैं
पेड़-पौधे और हरियाली।
बहुत खूब , बधाई, आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी, सादर।

Comment by Mohammed Arif on July 18, 2018 at 7:51am

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

Comment by Mohammed Arif on July 17, 2018 at 6:02pm

हार्दिक आभार आदरणीया बबीता गुप्ता जी ।

Comment by Mohammed Arif on July 17, 2018 at 5:59pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण जी ।

Comment by Mohammed Arif on July 17, 2018 at 5:58pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी ।

Comment by Mohammed Arif on July 17, 2018 at 5:58pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण जी ।

Comment by Mohammed Arif on July 17, 2018 at 5:57pm

हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर जी ।

Comment by babitagupta on July 17, 2018 at 5:55pm

आखिरी पंक्तियाँ बेहतरीन ,वर्षा रानी का एहसास तो वास्तव में तभी होता हैं.हार्दिक बधाई उम्दा रचना के लिए आदरणीय आरिफ सरजी।

Comment by Mohammed Arif on July 17, 2018 at 5:55pm

हार्दिक आभार आदरणीया नीलम उपाध्याय जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service