For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

OBO लाइव तरही मुशायरा (344)

Discussions Replies Latest Activity

सदस्य टीम प्रबंधन

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 35" में प्रस्तुत सभी गज़लें, चिन्हित मिसरों के साथ ...

ASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)  मेरे हक़ में जो फ़ैसला लाया नामे आमाल का लिखा लाया   मैं तेरे दर पे और क्या लाया लब पे बस हरफे मुददआ लाया…

Started by Rana Pratap Singh

56 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 34" में प्रस्तुत सभी गज़लें, चिन्हित मिसरों के साथ ...

ASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)    गुलशन ये ओ बी ओ है क्यूँ दिल मचल न जाये  मिलती जहाँ ख़ुशी क्यूँ भेजी ग़ज़ल न जाये  ये निसार तुझपे दिल है…

Started by Rana Pratap Singh

54 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक 32 के काफि़येवार शेर

हम आभारी है आदरणीय श्री तिलक राज जी के जिनके भगीरथ प्रयास से काफ़िया के अनुसार अश’आर संकलित हो पाये है.... अंजामASHFAQ ALI (Gulshan khairab…

Started by Admin

19 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

सदस्य टीम प्रबंधन

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक ३० की सभी गज़लें एक साथ

Saurabh Pandey हर दरिन्दे के कयासों को ज़बर करती है हाँ, निग़ाहों की असमता ही कहर करती है ॥१॥ खूब दावा कि उठा लेंगे ज़माना सिर पे हौसला पस्…

Started by Rana Pratap Singh

2 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २९ मे शामिल सभी ग़ज़लें एक साथ

ASHFAQ ALI (Gulshan khairabadi)  मेरे मौला तू ये करम कर दे Iसहने गुलशन में ताज़गी भर दे II मीर-ओ-ग़ालिब का दर्द दे मुझको Iमेरी ग़ज़लों को मोतबर…

Started by Rana Pratap Singh

15 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

प्रधान संपादक

ओबीओ लाइव तरही मुशायरा अंक २८ में सम्मिलित ग़ज़लें (चिन्हित मिसरों सहित)

(श्री अशफाक अली गुलशन खैराबादी जी) फूलों भरा गुलशन है ख़ुशबू भी सुहानी है l चम्पा है चमेली है क्या रात की रानी है ll ठहरेगा कहाँ जिसकी फि…

Started by योगराज प्रभाकर

30 Apr 26, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

परम आत्मीय स्वजन, "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के 58 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह उस्ताद-ए-मोहतरम जनाब फरहत एह…

Started by Admin

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

सदस्य टीम प्रबंधन

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा १८-सभी प्रविष्टियाँ एक साथ

Started by Rana Pratap Singh

17 Apr 25, 2015
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ मे शामिल सभी गज़लें चिन्हित मिसरों के साथ एक जगह

योगराज प्रभाकर  उड़ने का वो जुनून गया वो हुनर गया ये झूठ है कि वक़्त मेरे पर क़तर गया इक दम से ही मीज़ान का चेहरा उतर गया  शायद मेरे हिसा…

Started by Rana Pratap Singh

15 Apr 25, 2015
Reply by Saurabh Pandey

प्रधान संपादक

ओबीओ लाइव तरही मुशायरा अंक-२६ में शामिल सभी ग़ज़लें

(श्री अशफाक अली गुलशन खैराबादी जी) सब्ज़ वादी में गुलशन की आया करो lरोज़ शबनम में तुम भी नहाया करो ll मेरी आंखें भी नम हैं तुम्हारी तरह lअश…

Started by योगराज प्रभाकर

17 Apr 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service