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नाथ सोनांचली's Discussions (1,941)

Discussions Replied To (1807) Replies Latest Activity

"भाई पंकज मिश्र जी आपका आभार, गजल पढने और प्रतिक्रिया देने के लिए"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय गंगाधर जी आभार आपका"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आद0 कालिपद प्रसाद मंडल जी अतिशय आभार"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय निलेश जी सादर अभिवादन, आपने इतनी गम्भीरता से गजल देखि और तदनुसार अपने बहुमूल्…"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"त्रुटी सुधार "गजल पढने""

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आद0 पंकज कुमार मिश्र जी सादर अभिवादन, आज के मुशायरे में आपकी बेहतरीन गजल पढने के मिल…"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आद0 भाई मिथिलेश वामनकर जी सादर अभिवादन। आपको गजल पसंद आई, तो लिखना सफल हुआ, आपका पग्…"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"एक बार गर जिस्म छोड़ कर रूह चली फिर कब लौटी? शाख़ छोडती बुलबुल को फ़िउर कब काशाने याद आ…"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आज मुझे ख़्वाबो में बचपन के अफ़साने याद आये माँ की लोरी और पिता के कुछ नज़राने याद आये…"

नाथ सोनांचली replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जगत नियंता उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, हमारी विनम्र श्रद्धांजली ! जगत नियंता उन…"

नाथ सोनांचली replied Dec 22, 2016 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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4 hours ago
Admin posted discussions
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गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
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