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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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अत्यंंत ही दुखदायी समाचार मिला है. श्री कलीम उल्ला खान साहब की इस असामयिक मृत्यु पर हृदय अवनत श्रद्धांजलि ! परमपिता परमेश्वर और जगत नियंता उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे. आदरणीय समर भाई की इस पारिवारिक क्षति में हमसभी साथ हैं. 

ॐ शान्ति.

विनम्र श्रद्धांजली 

आदरनीय समर भाई जी के साले साहब स्व. श्री कलीम उल्ला खान साहब की आत्मा को ईश्वर शान्ति प्रदान करे व उनके आत्मीय जनो को दुख  सहने की शक्ति प्रदान करें। विनम्र श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूँ ।

ओह ! श्री समर करीब के साले साहब श्री कलीम उल्ला खान साहब की सारंगपुर (म.प्र.)में ट्रैक्टर पलटने की दुर्घटना में हुईअसामयिक मृत्यु पर ईश्वर से प्रार्थना है स्व. श्री कलीम उल्ला खान साहब की आत्मा को शान्ति प्रदान करे व उनके परिवार को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें. विनम्र श्रृद्धांजलि. ॐ शान्ति. शान्ति !

विनम्र श्रद्धांजलि ।

जगत नियंता उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, हमारी विनम्र श्रद्धांजली ! जगत नियंता उनके परिवार को यह यह दुःख सहने की असीम शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति

बहुत ही दुखद समाचार , ईश्वर से प्रार्थना है कि परिवार को यह दुख सहने की क्षमता दें, और श्री कलीम उल्ला खान साहब की दिवंगत आत्मा को असीम शान्ति दें।

भावभीनी श्रद्धांजलि

विनम्र श्रद्धांजली

दुखद समाचार। प्रभु से प्रार्थना है कि वह परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे और कलीम उल्ला खान साहब की आत्मा को शान्ति प्रदान करे। ॐ शान्ति. शान्ति !

आदरणीय समर कबीर साहब , इस दुःख की घड़ी में विनम्र शृद्धांजलि।

दोस्तों , आज २४ दिसम्बर-२०१६ के राजस्थान पत्रिका के मालवीय नगर पृष्ठ पर मेरी रचना '' व्यथित मन '' का प्रकाशन हुआ है। आप सब के आशीर्वाद के लिए उसकी छाया प्रति प्रस्तुत है :

Attachments:

 आदरणीय सुशील सरना जी आपकी रचना राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित हुई है यह समाचार ओ बी ओ परिवार के लिए गौरव का विषय है हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय. कविता के भाव भी बहुत उन्नत है सादर बधाई 

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