For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Discussions (8,124)

Discussions Replied To (5843) Replies Latest Activity

"शेख़ साहब, यह लघुकथा तो पहली लघुकथा की ही रिफाइंड कॉपी लग रही है और सच कहूं तो बेहतर…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आदरणीय तेजवीर साहब, आप सभी जानते हैं कि टिप्पणियों में कठोर श…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"सामयिक घटनाओं को लघुकथा में पिरोना सदैव रिस्क का काम होता है।   आयोजन में सहभागिता ह…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"प्रिय उस्मानी भाई, आपने बहुत ही गंभीर विषय को लेकर लघुकथा कही है, बधाई स्वीकार करें। "

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"//"क्या आप एक भी धंधा ऐसा बता सकते हैं जो बिना काम पूरा हुए पैसा लेता हो?”// अभी दो…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"इस कोरोना काल में अनजान व्यक्तियों को भी धन और तन से मदद करते देखा है, शायद पता ही न…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"गाँवों में पहले यह परंपरा रही थी कि किसी का दामाद पुरे गाँव का दामाद होता था, गाँव म…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"सोसल मिडिया के इस रूप को बहुत ही सफलता से उकारा है आदरणीया । स्त्रियों को इंगित कर द…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"पता नहीं क्यों, मुझे कथानक ही नहीं समझ आया. लेखक की बात पाठक तक सहज पहुँचे, यह दायित…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"प्रिय मनन भाई, सदैव की भाति इसबार भी आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी, कुछ टंकण त्रुटियों और…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Jun 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)

143 Jul 1, 2021
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक बधाई मुकरियाँ के लिए । द्वितीय के लिए विशेष  बधाई।  अन्य दो में…"
45 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
""आदरणीय मिथिलेश भाईजी,  हार्दिक बधाई इन पाँच मुकरियों के लिए | मेरी जानकारी के अनुसार…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, हार्दिक बधाई मुकरियों का चौका जड़ने के लिए।  द्वितीय में ............ तीन…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील भाईजी, इन पाँच  सुंदर  मुकरियाँ के लिए हार्दिक बधाई। अंतिम की अंतिम पंक्ति…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह-मुकरी * प्रश्न नया नित जुड़ता जाए। एक नहीं वह हल कर पाए। थक-हार गया वह खेल जुआ। क्या सखि साजन?…"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कभी इधर है कभी उधर है भाती कभी न एक डगर है इसने कब किसकी है मानी क्या सखि साजन? नहीं जवानी __ खींच-…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय तमाम जी, आपने भी सर्वथा उचित बातें कीं। मैं अवश्य ही साहित्य को और अच्छे ढंग से पढ़ने का…"
22 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह मुकरियाँ .... जीवन तो है अजब पहेली सपनों से ये हरदम खेली इसको कोई समझ न पाया ऐ सखि साजन? ना सखि…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुकरियाँ +++++++++ (१ ) जीवन में उलझन ही उलझन। दिखता नहीं कहीं अपनापन॥ गया तभी से है सूनापन। क्या…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"रात दिवस केवल भरमाए। सपनों में भी खूब सताए। उसके कारण पीड़ित मन। क्या सखि साजन! नहीं उलझन। सोच समझ…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service