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"तवील रात सितारों पे स्यात भारी है, ये जान पड़ता सितारों के कंपकपाने से।  मुझे डुबो ह…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"हमेशा की तरह एक से बढ़कर एक शेर .....सादर नमन आदरणीय नासवा सर "

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

".......ग़ज़ल पर थोड़ा और समय देने से बात और स्पष्ट हो सकती है, शेर और निखर सकते हैं| आद…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"जवान बेटी की शादी की फिक्र है शायदवो रात को भी न आता है कारखाने से शहर में जुल्म हुआ…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"बहुत ही शानदार गज़ल सभी शेर एक से बढ़कर एक ...बहुत बहुत बधाई आदरणीय "

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"उफ़क पे हो न सही फ़ाख्ता उड़ाने से                  (उफ़क = क्षितिज, सही = हस्ताक्षर ) ह…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"मेरे नसीब मुसल्सल तेरे सताने से अब आ गया मुझे जीना यूँ आजमाने से   घड़ी-घड़ी जो पुका…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"लहर खुशी की अँधेरों में दिख रही अब तो इक आफताब के बे वक़्त डूब जाने से   तू आ, कभी तो…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

"सदा बने हैं मेरे काम मुस्कराने सेबना न काम कभी त्यौरियॉं चढ़ाने से। *** उठा न सूर्य…"

vandana replied Oct 30, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-40

808 Oct 31, 2013
Reply by सन्दीप सिंह सिद्धू "बशर"

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीया प्राची जी बहुत बहुत धन्यवाद संकलन के माध्यम से रचनाओं को फिर से पढना सुखद लग…"

vandana replied Oct 15, 2013 to ओबीओ लाइव महोत्सव अंक-36 की सभी रचनाएँ एक साथ

27 Oct 16, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"आदाब।‌ बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह साहिब।"
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"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी।"
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"धन्यवाद आ. चेतन जी"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय ग़ज़ल पर बधाई स्वीकारें गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतर हो जायेगी"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
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