आदरणीय साथियो,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
बेहतरीन रचना मनन जी। योग्य हो जाने पर सुविधाओं को अन्य लोगों के लिये छोड़ देने का संदेश देती उत्तम रचना।
आपका आभार आदरणीय अजय जी।
हठ, हठ और हठ
--------------------
दस वर्षीय राजकुमार ने ज़िद पकड़ ली कि महामंत्री को हाथी बनाकर उन की सवारी करनी है और पूरे शहर का चक्कर लगाना है। हाथ में एक अंकुश भी रखना है और हाथी को अपने अनुसार चलाना, खिलाना, बैठाना और घुमाना है।
राजा जी अड़ गए कि ये नहीं होगा। बोले ये न केवल महामंत्री अपितु राजदरबार का अपमान होगा। बात पड़ोस के राजाओं तक जा सकती है। कितना अपयश होगा।
राजकुमार अड़ गए, जबतक ये नहीं होता तब तक खाना नहीं खाऊँगा। रानी ने राजकुमार को मनाने का भरपूर प्रयास किया। पर राजपुत्र न मानने वाले थे तो न माने। तो रानी ने भी राजा को कह दिया कि अगर राजकुमार ने खाना नहीं खाया तो वे भी नहीं खाएँगीं और राजा उनसे मिलने का प्रयत्न भी तबतक न करे।
राजा क्या करता। महामंत्री को आदेश जारी कर दिया गया।
अगली सुबह राज्य को सैकड़ों मुसीबतों से बचाने वाले, अनेक शास्त्रों और विद्याओं के ज्ञाता, अति बुद्धिमान और व्यवहारकुशल, समाज में प्रतिष्ठित और राज्य के अभी तक के सर्वोत्तम महामंत्री का शव उनके महल में मिला। पता चला उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।
#मौलिक एवं अप्रकाशित
नमस्कार। आपकी यह अद्भुत मारक क्षमता वाली संकेतात्मक लघुकथा पढ़कर बहुत प्रभावित हुआ। हार्दिक बधाई आदरणीय अजय गुप्ता 'अजेय' जी। एक तीर से कई निशाने। पाठक प्रतीकों के अर्थ भिन्न तरह से ले सकेंगे रचना को बहुआयामी साबित करते हुए। वर्तमान में भी और अतीत संदर्भित भी। भविष्य का तो ख़ुदा जाने, क्या होने वाला है ऐसे हालात से!
व्याकरण के हिसाब से परोक्ष कथन और अपरोक्ष कथन और इंवर्टेड कौमाज़ संबंधित टंकण त्रुटियाँ लग रही हैं कहीं-कहीं। रचना का समापन झकझोरने वाला/मारक तो है, लेकिन नकारात्मक भी है। दलों में, राजनीति में, और सत्ता में ऐसा ही तो हो रहा है या होता आया है।
हार्दिक बधाई आदरणीय अजय गुप्ता जी। लाजवाब रचना। कहावत भी है कि राजहठ, त्रियाहठ , बालहठ मशहूर हैं।हर किसी को झुकने पर मजबूर कर देती है।
आभार आदरणीय तेजवीर जी। रचना का मर्म समझने और प्रोत्साहित करने के लिए आपका हृदयतल से धन्यवाद
आ. भाई अजय जी, अभिवादन। बेहतरीन लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।
शुक्रिया लक्ष्मण भाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |