आदरणीय साथिओ,
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अंतिम पंक्ति बहुत प्रभावी है, जिंदगी भरपूर जीने के लिए है लेकिन इस तरह खतरे में डाल कर नहीं| बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
ख़ुशी के गलत मायनों को केन्द्रीय सन्देश बनाकर प्रदत्त विषय को परिभाषित करने का सुंदर प्रयास हुआ है इस लघुकथा के माध्यम से आ० नीता कसार जी, बधाई प्रेषित है. जैसा कि आ० समर कबीर साहिब ने फरमाया कि रचना अभी और समय व मेहनत मांग रही है. कथ्य, सम्प्रेषण व शिल्प के दृष्टिकोण से इस रचना पर पुन: विचार करने की आवश्यकता है.
अच्छी कथा | हार्दिक बधाई आदरणीय नीता दी |
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