आदरणीय साथिओ,
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आदरणीया कल्पना दीदी,प्रयास को सराहकर हौंसलाफ़ज़ाई करने के लिए सादर हार्दिक आभार
क्या बेहतरीन रचना। शुरू से अंत तक एक समान रोचक।
भूत और वर्तमान का हिण्डौले जैसा।
प्रत्येक दृष्टिकोण से लाज़वाब प्रस्तुति । हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय ।
आद0 सतविंदर भाई जी सादर अभिवादन। बहुत बेहतरीन लघुकथा कही आपने, बेहद उम्दा। बहुत बहुत बधाई आपको
आदरणीय सुरेन्द्र भाई जी,उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार
आ. सतविन्द्र जी, अपनी लघुकथा में आपने बहुत अच्छा विषय उठाया है और उसे बख़ूबी निभाया भी है. मेरी तरफ़ से ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.
आदरणीय महेंद्र जी प्रयास को समय देकर उत्साहवर्धन करने के लिए सादर हार्दिक आभार।
इतिहास ने पूरा इतिहास खोल कर रख दिया. बधाई आदरणीय सतविंदर जी.
उच्च शिक्षा पर छा रही धांधली पर अच्छा तंज कसा है आपने ..कथा की सहज शैली प्रभावित कर रही है ...हार्दिक बधाई आदरणीय सतविंदर जी
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