आदरणीय साथिओ,
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आपकी समीक्षात्मक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार। वरिष्ठ जनों की टिपण्णी की प्रतीक्षा है।
जनाब मुज़फ़्फ़र इक़बाल साहिब आदाब, प्रदत्त विषय पर लघुकथा का प्रयास अच्छा है,लेकिन तवालत कुछ अधिक हो गई है, कालखण्ड दोष भी है, बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
बढ़िया लघुकथा।
इसमें दृष्टिकोण माता-पिता का भी निकल कर आ रहा है। वो भी इसे खूबसूरती दे रहा है।
हार्दिक बधाई आदरणीय मुजफ़्फ़र इक़बाल सिद्दिक़ी जी। अच्छी प्रस्तुति।
हार्दिक आभार ,आपका
आ गुप्ता जी आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया हेतू ,आभार
"ओबीओ लघुकथा गोष्ठी" अंक- 40 को सफ़ल बनाने के लिये सभी लघुकथाकारों व पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।
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