For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-51(Now Closed with 1020 Replies)

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।
 
पिछले 50 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-51

विषय - "अच्छे दिन"

आयोजन की अवधि- 16 जनवरी 2015, दिन शुक्रवार से 17 जनवरी 2015, दिन शनिवार की समाप्ति तक  (यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)


बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए.आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

 

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :- 

  • सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक ही दे सकेंगे, ध्यान रहे प्रति दिन एक, न कि एक ही दिन में दो. 
  •  रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.


सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 16 जनवरी 2015, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तोwww.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालिका 
डॉo प्राची सिंह 
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 16083

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

राग भैरवी  गम की हमको  गानी होगी  जीवन भर

गीत ग़ज़ल में  हम भी कुछ दिन  तक गायेंगे  अच्छे दिन..........वाह ! सत्य कहा है !

आदरणीय खुर्शीद जी उम्दा गजल कही है . बहुत-बहुत बधाई. सादर.

अच्छे दिन अच्छे लोग -- डॉ o विजय शंकर

अच्छे दिन
अच्छे लोगों से आते हैं.
अच्छे लोग
अच्छे दिन लाते हैं।
अच्छे लोग मिलते हैं
और न जाने कहाँ खो जाते हैं .
उन्हें चाह कर भी हम
याद रख नहीं पाते हैं ,
बुरे लोग मिलते हैं , कहीं भी रहें ,
हम चाह कर भी उन्हें ,
भूल नहीं पाते हैं।
अच्छों का हिसाब हम
चुका नहीं पाते हैं ,
बुरे लोगों के हिसाब-किताब
कभी बंद हो नहीं पाते हैं ।
बुरे जो चाहते हैं ,
सब हक़ जता के ,
छीन के , ले जाते हैं ,
अच्छे हमको हमारा हक़
बिना बताये दे जाते हैं ।
बुरे लोग दुनिया में
कहाँ से आते हैं ?
अच्छे लोग दुनिया से
कहाँ चले जाते हैं ?
अच्छे लोग खुद को
दुनिया का समझते हैं ,
बुरे लोग दुनिया को
अपना समझते हैं ।
अच्छे लोग दुनिया का
बोझ कम करते हैं ,
बुरे लोग दुनिया पे
एक बोझ हुआ करते हैं ,
दुनियाँ अच्छे लोगों की
बदौलत चला करती है ,
बुरे लोग दुनियाँ की
बदौलत चला करते हैं।
दुनियाँ की अपनी सोच ,
अपने दस्तूर हैं , या
कुछ मजबूरियाँ हैं,
जो लोग दुनियाँ को सिर पे उठाये हुए हैं ,
दुनियाँ उन्हें कभी देख नहीं पाती है ,
जो ठोकर पे रखते हैं उसे ,
दुनियाँ उन्हें सिर पे बिठाती है ।
अच्छे लोग जब भी आते हैं,
जहां से भी आते हैं ,
अच्छाइयाँ लाते हैं ,
अच्छे दिन उन्हीं से ,
उन्हीं की बदौलत आते हैं ।
अच्छे दिन उन्हीं की बदौलत आते हैं ॥

मौलिक एवं अप्रकाशित

अच्छे लोग जब भी आते हैं,
जहां से भी आते हैं ,
अच्छाइयाँ लाते हैं ,
अच्छे दिन उन्हीं से ,
उन्हीं की बदौलत आते हैं ।
अच्छे दिन उन्हीं की बदौलत आते हैं ॥......बहुत खूब आदरणीय डॉ o विजय शंकर सर ! सादर 

स्वीकृति एवं सराहना के लिए आभार , धन्यवाद आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी, सादर।

आदरणीय विजय शंकर सर अच्छे लोगो और बुरे लोगो के माध्यम से दुनिया का दस्तूर भी बता दिया और अच्छे लोगो से ही अच्छे दिन आते है, के द्वारा विषय पर एक सार्थक रचना की प्रस्तुति ... हार्दिक बधाई सर.... ये पंक्तियाँ विषय की ओर बढ़ते हुए गहरा प्रभाव छोडती है-

दुनियाँ की अपनी सोच ,
अपने दस्तूर हैं , या
कुछ मजबूरियाँ हैं,
जो लोग दुनियाँ को सिर पे उठाये हुए हैं ,
दुनियाँ उन्हें कभी देख नहीं पाती है ,
जो ठोकर पे रखते हैं उसे ,
दुनियाँ उन्हें सिर पे बिठाती है ।
अच्छे लोग जब भी आते हैं,
जहां से भी आते हैं ,
अच्छाइयाँ लाते हैं ,
अच्छे दिन उन्हीं से ,
उन्हीं की बदौलत आते हैं ।
अच्छे दिन उन्हीं की बदौलत आते हैं ॥ 

स्वीकृति , सराहना एवं प्रशस्ति के लिए बहुत बहुत आभार , धन्यवाद प्रिय मिथिलेश जी, सादर।

अति उत्तम अभिव्यक्ति आ डॉ विजय शंकर जी, बधाई स्वीकारें।

रचना की स्वीकृति एवं प्रशस्ति के लिए बहुत बहुत आभार , धन्यवाद , आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, सादर।

अच्छों का हिसाब हम
चुका नहीं पाते हैं ,
बुरे लोगों के हिसाब-किताब
कभी बंद हो नहीं पाते हैं  -- आदरणीय विजय भाई , प्रस्तुति खूब जानदार हुई है , मेरी हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ।

रचना की स्वीकृति एवं प्रशस्ति के लिए बहुत बहुत आभार , धन्यवाद , आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, सादर।

आदरणीय विजय शंकर भाई ,

अच्छे लोग जब भी आते हैं,

जहां से भी आते हैं ,
अच्छाइयाँ लाते हैं ,
अच्छे दिन उन्हीं से ,
उन्हीं की बदौलत आते हैं ।

अच्छे दिन पर अच्छी  प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई 

रचना को आपका स्नेह मिला , बहुत बहुत आभार , धन्यवाद , आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, सादर।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service