आदरणीय साहित्य प्रेमियो,
सादर अभिवादन ।
पिछले 50 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-51
विषय - "अच्छे दिन"
आयोजन की अवधि- 16 जनवरी 2015, दिन शुक्रवार से 17 जनवरी 2015, दिन शनिवार की समाप्ति तक (यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए.आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.
उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --
तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)
अति आवश्यक सूचना :-
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है.
इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 16 जनवरी 2015, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
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महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालिका
डॉo प्राची सिंह
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.
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रचना का अंतिम भाग प्रस्तुति को खास बनाता है आत्मिक सुख में ही सुख है
बहुत बहुत बधाई आपको आ० सुशील जी
आदरणीया rajesh kumari जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।
अगर इंसान उधार के
प्रलोभन और आकर्षण के
जाल को पहचान जाएगा
भौतिक सुख से अधिक
आत्मिक सुख में शान्ति पायेगा
अच्छे दिन किसको कहते हैं
ये वो समझ जाएगा
फिर वो एक दिन नहीं
हर दिन हर पल
अच्छा दिन मनाएगा ------ आदरणीय सुशील भाई , बहुत सार्थक पंक्तियाँ लगीं , आपको हार्दिक बधाई
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।
आदरणीय सुशील भाई ,
सार्थक संदेश, अच्छी प्रस्तुति , हार्दिक बधाई
आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।
इस प्रस्तुति के लिए हृदय तल से शुभकामनाएं स्वीकारें आ. सुशिल सरना जी
आदरणीय Satyanarayan Singh जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।
अगर इंसान उधार के
प्रलोभन और आकर्षण के
जाल को पहचान जाएगा
भौतिक सुख से अधिक
आत्मिक सुख में शान्ति पायेगा
अच्छे दिन किसको कहते हैं
ये वो समझ जाएगा
फिर वो एक दिन नहीं
हर दिन हर पल
अच्छा दिन मनाएगा
बहुत खूब ! . .. सौ बातों पर यही बात भारी है..
हार्दिक बधाइयाँ, आदरणीय सुशीलजी..
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी रचना के भावों पर आपके अनुमोदन ने रचना को जो मान दिया उसके लिए बंदा आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार है।
आदरणीय सुशील सरना जी इस सुन्दर रचना पर आपको हार्दिक बधाई !
आदरणीय Hari Prakash Dubey जी रचना पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार।
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