For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 72758

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा जी,

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

आदरणीय सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के समस्त सदस्यों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.....

ओबीओ परिवार के सभी सम्मानित सदस्यों व शुभचिंतकों को प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं I

धन्यवाद सर 

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ... 

समस्त आत्मीयजनों के लिए यह उत्सव आनन्द और समृद्धि की सौगात ले कर आये.  शुभ-शुभ

धन्यवाद सर

शुभ-शुभ

समस्त ओ बी ओ परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाइयाँ --

दीवाली सा दीवाली त्यौहार कहाँ है
यहाँ टोकना वहाँ रोकना लगा यहाँ है
सारे दाना, नादानी की बातें करते
दिन को ज़हरीला कर देते , रातें हरते

कभी वो पानी की किल्लत है, बतलाते हैं
कभी दूध पानी सा बहता , समझाते हैं
बिकी मीडिया धर्म विरोधी बातें करती
एक लक्ष्य ले, इक तरफा ही घातें करती

इनका क्या है , इनको, अपना पेट है भरना
जैसा मालिक कह दे वैसा भौंका करना
इनका क्या है, आज पकड़ के, कल छोड़ेंगे
फिर कोई त्यौहार हमारा , कल जकड़ेंगे

पहले भी इन जैसे आये , कैसे कैसे
दीपों का त्यौहार मनाओ , चाहे जैसे
मेरे मित्रों , मेरी भी लो खूब बधाई
खूब पटाखे छोड़ो , खाओ खूब मिठाई

***********************************

 

बहुत खूब सार्थक सटीक रचना आदरणीय गिरिराज भंडारी जी। क्या सच्चाई बयान की है ! -
"इनका क्या है , इनको, अपना पेट है भरना
जैसा मालिक कह दे वैसा भौंका करना
इनका क्या है, आज पकड़ के, कल छोड़ेंगे
फिर कोई त्यौहार हमारा , कल जकड़ेंगे
पहले भी इन जैसे आये , कैसे कैसे
दीपों का त्यौहार मनाओ , चाहे जैसे
मेरे मित्रों , मेरी भी लो खूब बधाई
खूब पटाखे छोड़ो , खाओ खूब मिठाई"
दीपावली की हार्दिक बधाई आपको।

अवसर पर सटीक रचना 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"ख़्वाबों के मुकाम (लघुकथा) : "क्यूॅं री सम्मो, तू झाड़ू लगाने में इतना टाइम क्यों लगा देती है?…"
1 hour ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"स्वागतम"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"//5वें शेर — हुक्म भी था और इल्तिजा भी थी — इसमें 2122 के बजाय आपने 21222 कर दिया है या…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल है आपकी। इस हेतु बधाई स्वीकार करे। एक शंका है मेरी —…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"धन्यवाद आ. चेतन जी"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय ग़ज़ल पर बधाई स्वीकारें गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतर हो जायेगी"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल मुकम्मल कराने के लिये सादर बदल के ज़ियादा बेहतर हो रहा है…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, आपने मेरी टिप्पणी को मान दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय निलेश जी, मेरी शंका का समाधान करने के लिए धन्यवाद।"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुकला जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service