For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विश्व कवि सम्मेलन २०१२ “काव्यमाधुरी” (रिपोर्ट).....प्रो. सरन घई

विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा का अनूठा प्रयोग –

विश्व के अनेकों कवियों की रचनाएँ पढ़ी गईं “विश्व कवि सम्मेलन २०१२ – “काव्यमाधुरी” के मंच पर
एवं “काव्यमंच पर डा. देवेन्द्र मोहन मिश्र “लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित
मिसिसागा, कनाडा, दिनांक ३० दिसंबर, २०१२

विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा के तत्वावधान में दिनांक ३० दिसंबर, २०१२ को कनाडा के मिसिसागा शहर के सत्यज्योति सांस्कृतिक सभा के प्रांगण में “विश्व कवि सम्मेलन २०१२ – “काव्यमाधुरी” का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में न केवल स्थानीय रचनाकारों ने अपनी मौलिक रचनाओं का पाठ किया बल्कि विश्व के अन्य देशों के रचनाकारों की विशेषरूप से “काव्यमाधुरी” हेतु प्रेषित कविताओं का वाचन भी किया। इस अनूठे प्रयोग ने स्वत: ही इस कवि सम्मेलन को एक विश्व कवि सम्मेलन के रूप में सजा कर हिंदी काव्यजगत के वितान पर अंकित कर दिया।
इस ऐतिहासिक काव्यसंध्या में कनाडा के कवियों ने भारत, अमेरिका व अन्य देशों से आई कविताओं को अपने अंदाज में प्रस्तुत किया और साथ ही साथ विश्व हिंदी संस्थान के संस्थापक प्रो. सरन घई से अनुरोध किया कि वे भारत तथा अन्य देशों में स्थित हिंदी प्रचार-प्रसार में रत संस्थाओं के साथ मिलकर कवि सम्मेलन तथा अन्य विधाओं में अलग-अलग देशों में ऐसे प्रयोग करके समस्त विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार को गति प्रदान कर इसके मान-सम्मान के संवर्धन हेतु प्रयास करें।


कार्यक्रम का प्रारंभन श्री संदीप त्यागी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुआ। सरस्वती वंदना के उपरांत दामिनी की आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद विधिवत कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ। लगभग २० कवियों ने अपनी रचनाएँ सुनाईं जिनमें मुख्यत: दामिनी की पीड़ा का स्वर ही मुखरित हुआ। 
“विश्व कवि सम्मेलन” के पहले दौर की समाप्ति के उपरांत कनाडा के डा. देवेन्द्र मोहन मिश्रा को हिन्दी के प्रति उनके लगाव, आजीवन हिंदी सेवा तथा उनके समाज सेवा के अंग को सम्मानित करने हेतु उन्हें विश्व हिंदी संस्थान के संस्थापक तथा विश्व की सबसे लंबे हिंदी काव्यगीत “मुक्तिपथ-प्रेमपथ महाकाव्यगीत” के रचयिता प्रो. सरन घई द्वारा “लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड” प्रदान किया गया।

इससे पूर्व संस्था द्वारा श्री मनमोहन सिंह – प्रेजीडेंट, नेशनल एसोसियेशन आफ़ इंडो-कैनेडियन्स, डा. कैलाश नाथ भटनागर – प्रेजीडेंट, नारायण सेवा समिति, कनाडा तथा सरदार बलदेव सिंह मोमी, एडीटर, खबरनामा- पंजाबी समाचार पत्र, सभी को “लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवार्ड” द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इनके अतिरिक्त संस्था द्वारा श्री योगेश शर्मा – प्रेजीडेंट, राजस्थान एसोसियेशन आफ़ नार्थ अमेरिका को “प्रोफ़ेशनल एक्सीलेंस अवार्ड” तथा श्रीमति कमलेश ओबेराय, डायरेक्टर एविक को “कल्चरल एक्सीलेंस अवार्ड” द्वारा पूर्व मंं सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २०१३ के पहले सत्र में श्री भगवत शरण श्रीवास्तव को उनकी जीवनपर्यंत बहुमूल्य हिंदी सेवा को पहचान देने हेतु “लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड” द्वारा सम्मानित किया जायेगा।
अवार्ड सेरेमोनी के बाद “विश्व कवि सम्मेलन – २०१२, काव्यमाधुरी” का दूसरा व मुख्य दौर प्रारंभ हुआ जिसमें कनाडा के स्थानीय कवियों ने अन्य देशों से कवियों द्वारा प्रेषित कविताओं का वाचन किया। यह इस कवि सम्मेलन का वह ऐतिहासिक दौर था जहाँ कैनेडियन हिंदी कवि मंच पर जिस कवि की कविता पढ़ रहा था तत्समय उस कवि का चित्र प्रोजेक्टर द्वारा मंच पर दिखाया जा रहा था। इस प्रकार कविता के प्रस्तुतकर्त्ता तथा कविता के रचयिता, चाहे वो विश्व में कहीं के भी हों, एक तरह से दोनों मंच पर मौजूद थे और काव्यपाठ को पूर्णता प्रदान कर रहे थे। सभी उपस्थित श्रोताओं व कवियों ने साहित्य व तकनीकी की इस मिलीजुली प्रस्तुती की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

कविता के दूसरे दौर में भाग लेने वाले कवियों व रचनाकारों के नाम इस प्रकार थे – सर्वश्री डा. देवेन्द्र मिश्र, श्री सुरेन्द्र पाठक, आचार्य संदीप त्यागी, श्रीमति सुधा मिश्र, श्रीमति राज कश्यप, श्री सरन घई, श्रीमती कृष्णा वर्मा, सरदार हरजिंदर सिंह, श्री भारतेंदु श्रीवास्तव, श्री भगवत शरण श्रीवास्तव, श्री हरभगवान शर्मा, श्रीमती सरोज भटनागर, श्री गोपाल बघेल, श्रीमती लता पांडे, श्रीमती मीना चोपड़ा तथा श्रीमती सविता अग्रवाल। कविताओं के पहले दौर में इनके अतिरिक्त श्री पाराशर गौड़, श्री कुलदीप ’दीप’ तथा पंकज शर्मा ने भी काव्यपाठ किया।


कविताओं के दूसरे दौर में जिन रचनाकारों की रचनाएँ पढ़ी गईं वे क्रमश: हैं: डा. कमलेश द्विवेदी, श्री आनंद विश्वास, श्री गणेश जी बागी, श्री ओम प्रकाश यति, श्रीमती सरला ओझा, श्रीमती भूमिका द्विवेदी, डा. अनिता कपूर, श्री अजय कुमार शर्मा, श्री प्रशांत तायल, श्री शरद जायसवाल, डा. मनोज कुमार सिंह, श्री छ्त्रपाल वर्मा, डा. सुनील जाधव, श्री सुनील कुमार परीट, श्री सुधेश तथा श्री रंजन विषद।

मंच संचालन प्रो. सरन घई, अंकिता घई-हांडा तथा आचार्य संदीप त्यागी ने किया। समयाभाव के कारण जिन कवियों की कविताएँ इस बार मंच पर नहीं पढ़ी जा सकीं, उनसे श्री सरन घई ने क्षमायाचना की व विश्वास दिलाया कि अगले कवि सम्मेलन में उनकी रचनाएँ अवश्य सम्मिलित की जायेंगी।
कवि सम्मेलन का समापन सत्यज्योति सांस्कृतिक सभा को कवि सम्मेलन हेतु स्थान उपलब्ध करवाने, श्री सुभाष शर्मा को मुफ़्त फ़ोटोग्राफ़ी, तथा श्री हनुमान मंदिर को भोजन की व्यवस्था हेतु धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
संस्था का अगला कवि सम्मेलन मार्च के मध्य सप्ताह में किया जायेगा।

Facebook

Views: 1648

Reply to This

Replies to This Discussion

आयोजन के सफल संचालन और समापन के लिए हार्दिक धन्यवाद. विश्व पटल पर हिन्दी भाषा की महत्ता और गरिमा को इस तरह मिल रहा बढ़ावा तोषदायी है.

सादर

हमें तो पता ही नहीं चला ...धन्य हो ओ बी ओ का कि उसके जरिये खबर मिली...

आपकी उपस्थिति पूरे पटल पर झंकार सी तारी कर गयी, भाईजी ! इस मंच के प्रति आपका भाव आह्लादित कर गया. आते रहियेगा. आपकी रचनाओं से यह पटल लाभान्वित होना चाहता है, शमशादभाई.

जहाँ तक आयोजन की बात है, हमें भी यही मालूम हुआ कि वह आप ही के रिहायशी देश कनाडा में हुआ था.

सौरभ भाई,  उपसथिती का क्या कही झंकार का असर तो कही लकुआ मार जाता है .....जी जरुर, आपकी मुहब्बतें है जो बारहा खींच खींच कर ले आती है, बहुत दिनों से काव्य नहीं किया ...जल्दी हाजिर होता हूँ.   

सादर .. आप आयेंगे तो बहार अवश्य आयेगी. हम इंतज़ार करेंगे. ..  :-))

आदरणीय श्री सरन जी , प्रस्तुत रपट ने हम सबको भी उस आयोजन में सहभागी बना लिया . इस सुन्दर वर्णन के लिए बहुत बहुत बधाई . दूर देश में रहकर भी हिंदी साहित्य सेवी जिस प्रकार अपने साहित्य कर्म से सक्रियता से जुड़े है और परस्पर इतना सफल सुखद आयोजन कर रहे हैं यह हर्ष का  विषय है . जिन रचनाकारों ने रचनाओं का पाठ किया और जिनकी रचनाएँ पढ़ी गयीं सभी को हार्दिक बधाई . आपके अगले आयोजन के लिए अग्रिम शुभकामनाएं !! आपका प्रयास स्तुत्य है !!

बहुत अच्छा। 

आदरणीय सरन घई जी बहुत आभार हिन्दी को विदेश मे अग्रणी बनाने के लिए ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
22 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service