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आज इस देश में लोकतंत्र की जगह एक नए तंत्र का जन्म हुआ है " अनशन तंत्र "....
वीरेंदर जैन जी " अनशन तंत्र ".. का जन्म आज नहीं हुआ और रही बात बिरोध करने की तो आप अवस्य करे यही तो लोकतंत्र हैं
आदरणीय गुरूजी , जो आज हो रहा है इस अनशन तंत्र का जन्म तो आज ही हुआ है इस देश में , लोगों की भावनाओं का सहारा लेकर अपनी जिद्द को थोपने के लिए ...
वीरेंदर जी अनसन आज से पहले बहुत पहले गाँधी जी ने किया था इतिहास उठाकर देख लीजिये ओ गोरो को भागना चाहते थे और अन्ना इन कालो के अन्दर का गोरा भागना चाहते हैं
जी गुरु जी बिलकुल मैं सहमत हूँ आपकी बात से की गांधीजी अनशन किया करते थे किन्तु इतिहास इस बात का गवाह है की जब भी बात चित से रास्ता निकलता है तो वो कभी अपनी जिद्द पैर नहीं अड़ते थे , साथ ही संसद के विरुद्ध तो बिलकुल भी नहीं |
Sujeet ji main aapki baaton se puri tarah sahmat hoon....hum apne sanvidhan kiavhelna karke apni jade khud hi kat rahe hain...
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