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काश, सबके साथ ब्रिज मोहन जि जा सके
बहुत समसाम्यिक कथा
तन्द्रा के साथ समझदारी भी दिखाई, हालाँकि बहुत सारी कलाकारा इस तरह के शोषण की मारी हुई हैं| बधाई आपको आदरणीया कांता जी इस समयानुकूल रचना के लिये|
नायिका ने अपने को शोषित होने से बचा लिया साथ ही साफ़ सन्देश भी दे दिया अपनी मेहनत ईमानदारी से ही वो आगे बढ़ना चाहती हैं! बढ़िया कथा बनी हैं आदरणीय कांता रॉय जी
आदरणीया कांता जी बहुत ही जोरदार लघुकथा हुई है.कलाकार के वास्तिविक जीवन को उद्घ्रृत करती रचना
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