Tags:
Replies are closed for this discussion.
तहेदिल से आभार आ. नीता जी।
दिल से धन्यवाद आ. अर्चना जी।
बहुत अच्छा कथानाक चुना है आपने आदरणीया ,बधाई आपको इस सारगर्भित कथा के लिए
आपका बहुत बहुत आभार आ. प्रतिभा जी।
हार्दिक आभार कथा पर आपकी उपस्थिति के लिए आ. वीर मेहता जी
आदरणीया नीरज शर्माजी, आपकी लघुकथा का विन्यास वैसे तो तनिक विस्तृत है किन्तु इसका तथ्य अत्यंत ऊर्जस्वी है. ममता यदि सर्वसमाही हो जाय तो वह करुणा भाव में परिणत हो जाती है. एक माँ में ममत्व के भाव होते हैं जो उसकी संततियों केलिए आवश्यक हैं. परन्तु, उसका आयाम यदि निजी संतति के अलावा हो जाय तो वह करुणा समाज, राष्ट्र और समस्त प्रकृति केलिए मूल भावना हो जाती है. इस तथ्य को लघुकथा के रूप में बाँधना भला लगा. हार्दिक बधाई.
वैसे, वातावरण को निर्दिष्ट करने के क्रम में व्याख्या बड़ी हो गयी है. इसके प्रति तनिक संयत रहना था.
शुभेच्छाएँ
प्रिय महोदय, OBO सदस्य एक शब्द बारम्बार प्रयोग कर रहे हैं जिससे मुझे असुविधा हो रही है : …. लघुकथा हुई है
हुई है का क्या अर्थ ?
रची है / लिखी है / सृजित की है जैसे शब्द नहीं दिख रहे .
सभी सदस्य कृपया प्रकाश डालें
हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ नीरज शर्मा जी!बहुत ही सशक्त और मार्मिक लघुकथा!मातृत्व तो स्त्री का जन्म सिद्ध अधिकार होता है मगर जब विधाता ही उसे,उसके इस अधिकार से वंचित करने पर तुला है तो मनुष्य की क्या औकात!बेहतरीन प्रस्तुति!पुनः बधाई!
हार्दिक आभार आ. तेजवीर सिंह जी।
एक लेखक महोदय लघुकथा लिखने में जुटे हुए थे। दूसरे कमरे में उनकी पत्नी प्रसव-पीड़ा झेल रही थी। संयोग यह कि इधर सृजन ख़त्म हुआ , उधर नवजात बच्चा रोया। आवाज सुन कर लेखक की मां भाग कर आई और पूछा - क्या हुआ है ?
नर्स कुछ बोलती, इससे पहले लेखक महोदय ख़ुशी से चिल्लाए - लघुकथा हुई है, अम्मा।
" नासपीटे , घोर कलयुग ! मैंने सारी उम्र लड़के जाने या लड़की। आजकल लघुकथाएँ भी होने लगी ? पता नहीं क्या-क्या देख कर मरना होगा। "
बेचारा लेखक सर खुजा रहा था
maulik tatha aprakashit tippani
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |