For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियों

सादर वन्दे,

"ओबीओ लाईव महा उत्सव" के २१ वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है. पिछले २० कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने २०  विभिन्न विषयों पर बड़े जोशो खरोश के साथ और बढ़ चढ़ कर कलम आजमाई की. जैसा कि आप सब को ज्ञात ही है कि दरअसल यह आयोजन रचनाकारों के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है, इस आयोजन पर एक कोई विषय या शब्द देकर रचनाकारों को उस पर अपनी रचनायें प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है:-

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१     

विषय - "नयन"

आयोजन की अवधि- ७ जुलाई २०१२ शनिवार

से

९ जुलाई २०१२ सोमवार तक  

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दे डालें अपनी कल्पना को हकीकत का रूप, बात बेशक छोटी हो लेकिन घाव गंभीर करने वाली हो तो बात का लुत्फ़ दोबाला हो जाए. महा उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते है |


उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम निम्न है: -

  1. तुकांत कविता
  2. अतुकांत आधुनिक कविता
  3. हास्य कविता
  4. गीत-नवगीत
  5. ग़ज़ल
  6. हाइकु
  7. व्यंग्य काव्य
  8. मुक्तक
  9. छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि) 

 

अति आवश्यक सूचना :- "OBO लाइव महा उत्सव" अंक- २१ में सदस्यगण  आयोजन अवधि में अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ  ही प्रस्तुत कर सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा गैर स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा, यह अधिकार प्रबंधन सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |

 

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो शनिवार ७ जुलाई लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तोwww.openbooksonline.comपर जाकर प्रथम बार sign up कर लें |

"महा उत्सव"  के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...

"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

मंच संचालक

धर्मेन्द्र शर्मा (धरम)

(सदस्य कार्यकारिणी)

ओपन बुक्स ऑनलाइन  

 

Views: 17262

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

जय हो ..प्रभु ..इसी लिए तो हम सब की टीम आप को ट्रेन से उतार लाने वाली थी ...ह हा..
सरलता तो नैनों और मन को और भाती है 
आप के अलबेलेपन से ही तो आप की ख्याति है 
भ्रमर ५ 
भ्रमर का दर्द और दर्पण 

अब आये अपने अलबेला छैल  छबीला रूप में आपकी यह रोमांटिक गाथा आम रोमांटिक कहानियो से बिलकुल मेल खाती है

इसलिए ये हम सबको भाएगी एक एक पल का सुन्दर लुभावना चित्रण मन में टीस पैदा कर रही है ........

वो सुनहरे पल वो सुनहरी यांदें ....आपने मस्ती से भर दिया है माहोल को

आपका आब्जरवेसन बहुत ही सटीक है

बहुत बहुत बधाई ....वाह वाह वाह ....आनंदम ......आनंदम.....आनंदम

आदरणीय उमाशंकर मिश्रा जी,
अपने रंग में आना हो तो थोड़ी देर तो लगती ही है.........
वैसे एक बात कहूँ.......बुरा न मानना
____आपसे रूबरू मिलने की उत्कंठा जाग गयी है........
कहाँ विराजते हो प्रभु ?
अपने शहर का नाम तो बताओ जानी !
__वहीँ आ कर आपका अभिनन्दन करेंगे.........

स्वागत है श्री मान

आपसे मिलकर मुझे प्रसन्नता ही नहीं असीम प्रसन्नता होगी

बंदा गद्य व्यंग लिखता है आप लोग की सोहबत में तरह तरह की आवाजें निकाल रहा हूँ और सीख भी रहा हूँ

मेरी दिली ईक्क्षा है आपसे मिलने की साथ ओ.बी ओ.परिवार के सानिध्य में महफ़िल सजाने की

बंदे से मिलेंगे तो खुश हो जायेंगे आप ठहरे खाना बदोश कभी यहाँ तो कभी वहाँ.....वरना आपसे सूरत में ही मिल लेता

कभी "दुर्ग" में तशरीफ लाईये  आपका ह्रदय से आदर सत्कार होगा

मै कार्य की बंदगी में फंसा हुवा  हूँ.... कोशिस करूँगा की आपका आगमन हमारी नगरी में हो

बहुत कुछ कहने और सुनने की ईक्क्षा है जो पूरी करनी है

आपकी उत्कंठा का मै ह्रदय से आभारी हूँ

कर दी न गड़बड़ !
अब बता रहे हो कि आप दुर्ग में विराजते हो...जबकि मैं आज ही वहां से लौटा हूँ....हा हा हा

अरे भाईजी.......30 से लेकर 5 तक मैं  छत्तीसगढ़ में ही था ...और रायपुर  के रस्ते में आपका दुर्ग आया था ...

खैर...आना जाना तो लगा ही रहेगा ....फिर मिलेंगे.........
मज़ा आएगा

हा हा हा हा हा ...........इसे ही कहते है घर में नाग देवता और भिम्भोरा पूजने जाय

सादर ..आदरणीय

नाग क्या  आपको तो अजगर भी दिखाई दे जाए तो गनीमत है.....हा हा हा
पहले मालूम होता तो आपको फोन करके  ट्रेन पर बुलवा लेता  और जाहिर है आप खाली हाथ तो आते नहीं, कुछ न कुछ तो खाने को ज़रूर लाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,

उफ़ !  इस मारवाड़ी से ये नुक्सान कैसे बर्दाश्त होगा ...

हे श्रद्धेय सौरभ पाण्डेय जी...आप कहाँ हैं ?

सुबह से तलाश कर रहा हूँ...दर्शन दो महाप्रभु !
___देखो उमाशंकर जी मुझे नाग कह रहे हैं और  दूध भी नहीं पिला रहे.....:-(((((

आदरणीय अलबेला जी,  मैं यहीं हूँ,  इसी धरती पर, आसमान की नीचे, आपके पास.  बस राह की जाम में फँस गया था.  अब आ गया हूँ .. :-))))


आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी........
आप जाम में फंस गये थे
मैं काम में फंस गया था
कुछ लोग दाम में फंसे हुए हैं.........
_____है कोई  ऐसा दबंग जो राम में फंसा हो....
मिल जाये तो बताना प्रभु !  मैं भी दर्शन करना चाहता हूँ....

___मेरी प्रविष्टियाँ बेचारी एकांत भवन में बैठी विधवाविलाप कर रही हैं ..ज़रा उन्हें अपनी  शब्द सुधा से  सुहागन कर दीजिये...मेरी आने वाली पीढियां सदा आपको ही वोट देंगी भले ही आप किसी भी पार्टी से खड़े हो जाएँ..........

विनम्र  प्रणाम !

बात गहरी कर गये, हुज़ूर.. !

//ज़रा उन्हें अपनी  शब्द सुधा से  सुहागन कर दीजिये.//

हा हा हा... . सुहा  गिन-गिन और चुन-चुन कर अपना बदला लेता है.  .. हा हा हा..

हा हा हा  इस मारवाड़ी से नुकसान कैसे बर्दास्त होता ...हा हा हा

आदरणीय अलबेला जी

नाग मेरे इष्ट देव है आपको आपने इष्ट के समकक्ष मान कर मैंने उक्त लोकोक्ति का प्रयोग कर दिया प्रभु कोई शास्त्र नहीं चलाया

पास ही है नाग पंचमी पूजा अर्चना स्वीकार कर लेना प्रभु

जय हो ओ.बी.ओ.

आयेंगे आयेंगे नाग बाबा आयेंगे.........
दुर्ग में धूम मचाएंगे

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
6 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"वज़न घट रहा है, मज़ा आ रहा है कतर ले मगर पर कतर धीरे धीरे। आ. भाई तिलकराज जी, बेहतरीन गजल हुई है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service