For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथियो

ओपनबुक्स ऑनलाइन के मंच से श्री नवीन चतुर्वेदी जी द्वारा "OBO लाइव महा इवेंट" अंक २ का आयोजन दिनांक 1 दिसंबर से ५ दिसंबर तक आयोजित किया गया था ! इस बार जो विषय दिया गया था वह था "प्रेम" !

पांच दिन तक चले इस महापर्व की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रेम की संकरी सी गली से निकली एक नन्ही सी धारा अपनी मंजिल तक पहुँचते पहुँचते कुल मिलकर ३४ रचनाधर्मियों की १३१ खूबसूरत रचनायों की धारायों को अपने साथ ले एक महासागर का रूप अख्त्यार कर गई !

हालाकि इस बार भी कविता बाकी विधायों पर भार्री रही लेकिन इस आयोजन में साहित्य की और बहुत सी विधायों और विषयों पर भी कलम आजमाई की गई ! गीत, ग़ज़ल, हाइकू, दोहे, छंदमुक्त कविता के इलावा इस बार पारम्परिक भारतीय विधायों छंद, सवैया तथा आल्हा भी प्रस्तुत किए गए ! श्री सुशील कुमार जोशी द्वारा प्रस्तुत क़व्वाली ने इस आयोजन को सचमुच एक इन्द्रधनुषीय छटा प्रदान कर दे ! कुछेक लघुकथाएं एवं आलेख भी मित्रों द्वारा पेश किए गए ! जहाँ तक विषय की बात है तो प्रेम से सम्बंधित शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जिस पर स्तरीय रचना न कही गई हो ! इसी बात के मद्दे-नज़र इस नाचीज़ ने ज्योतिष शास्त्र और बॉलीवुड के हवाले से २ छोटे छोटे आलेख भी प्रस्तुत किए !

ज्यादा से ज्यादा साहित्यकारों को अपने साथ जोड़ना तथा उदीयमान लेखकों को एक मंच प्रदान करना ओबीओ के मुख उद्देश्यों में से एक है ! इस आयोजन में बहुत से बहुत से लोगों से पहली बार हिस्सा लिया, उनकी उच्च स्तरीय साहित्यक सोच को देखकर मैं बहुत गौरान्वित महसूस कर रहा हूँ ! इन में सुश्री हरकीरत हीर जी, संध्या चतुर्वेदी जी तथा अनीता मौर्य जी, सर्वश्री भास्कर अग्रवाल जी, गोपाल बघेल "मधु" जी, आकर्षण कुमार गिरी जी, शेखर चतुर्वेदी जी, विभूति कुमार जी, मयंक अवस्थी जी एवं अरविन्द चतुर्वेदी जी को पढ़ना बहुत ही पुरसुकून रहा ! आप सब की शिरकत ने दरअसल इस आयोजन को वास्तव में चार चंद लगा दिए ! हालाकि कई हस्तियों की अनुपस्थिति अंत तक सभी को खलती भी रही !

सब से खुशी की बात ये रही कि तकरीबन सभी रचनाधर्मी केवल अपनी रचनायों को प्रस्तुत करने तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने बाक़ी फनकारों की हौसला अफजाई और मार्ग-दर्शन में भी कोई कसर नहीं रखी जिसका प्रमाण १३१ रचनायों पर आईं १३९३ टिप्पणियाँ (यानि १ रचना पर औसतन १० से ज्यादा टिप्पणियाँ) है !

मैं इस आयोजन में शामिल सभी सम्माननीय रचनाधर्मियों का तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ ! और आशा करता हूँ कि भविष्य में आयोजित होने वाली सभी निशिश्तों में भी वे इसी जोशो-खरोश के साथ भाग लेंगे ! भाई शेषधर तिवारी जी की रचना से इस महायज्ञ का शुभारम्भ होना एवं उनके द्वारा ही अंतिल पूर्णाहूति का आना बहुत ही मनभावन अनुभव रहा ! भाई शेषधर तिवारी जी और भाई राकेश गुप्ता जी जिस निरंतरता और तन्मयता के साथ शुरू से लेकर आखिर तक सक्रिय रहे वह वाकई दर्शनीय रहा ! जिस तरह आचार्य संजीव "सलिल" जी पहले महा इवेंट के महानायक रहे थे, मुझे बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि इस बार यह सम्मान संयुक्त रूप में भाई राकेश गुप्ता जी तथा भाई शेषधर तिवारी जी के हिस्से में आया है !

यूँ तो इस महा इवेंट में बहुत से विलक्षण प्रयास देखने को मिले जिनका ज़िक्र मैं ऊपर कर चुका हूँ, लेकिन इस बार एक प्रयोग ऐसा भी किया गया जो कि एक मिसाल की तरह याद रखा जाएगा ! हमारे दो वरिष्ठ शायर, श्री नवीन चतुर्वेदी जी एवं राणा प्रताप सिंह जी ने एक जोड़ी बना कर पारंपरिक काव्य विधा "आल्हा" पर बहुत ही कमल कि कलम आजमाई की जिसे बहुत सराहा गया ! मेरी नज़र में इस प्रकार दो रचनाकारों का एक साथ टीम बना कर चलना यह भी ओबीओ की उपलब्धियों में से एक है ! आज के दौर में जहाँ जुदा होने का चलन ज्यादा है, वहां पर इस प्रकार की जोड़ी का बनना बहुत ही सुखकर अनुभव रहा ! मुझे विश्वास है कि आगे चलकर यह जोड़ी ओबीओ की "सलीम-जावेद" की जोड़ी की तरह सफलता के नए आयामों को छूने में सफल रहेगी !

इस महा-इवेंट के आयोजक श्री नवीन चतुर्वेदी जी को भी मैं विशेष तौर पर बधाई देता हूँ जिन्होंने बड़े जी-जान से इस महापर्व को संचालित किया ! ५ दिल में १५२४ कमेंट्स के साथ नवीन भाई के इस दूसरे महा-इवेंट ने पहले इवेंट के रिकॉर्ड को जिस तरह तोडा है, उस से मैं फूला नहीं समा रहा हूँ ! महा इवेंट के रूप में जो सपना हम लोगों के मिलकर देखा था उसकी ताबीर होता देख मन में जो उमंग की एक लहर है, उसे शब्दों में ब्यान कर पाना शायद मेरे लिए संभव नहीं ! हलाकि कुछ घरेलू व्यस्ततायों के चलते अंतिम दो दिन इस महापर्व से अनुपस्थित रहने और बहुत सी सुन्दर रचनायों पर टिप्पणी न दे पाने का मुझे बेहद अफ़सोस भी है !

योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)

Views: 1256

Reply to This

Replies to This Discussion

Sach mein Yograj ji ,is tarah ke event bahut kuch seekhne tatha aur behtar karne ko prerit karte hain . Kitne saare log ek saath ek sthaan pe ,ek vishay 'prem' par apne apne vichaaron ke saath ekatr hue . Ek doosre ko padhne ka sukhad avsar prapt hua.Aapko aur Navin ji ko badhai aur dhanyavaad .
योगराज जी और नवीन जी ... ये एक सफल आयोजन था .. हर दृष्टि से ..... और मेरी बहुत बुत शुभकामनाएं हैं की आगे भी इसी तरह के आयोजन होते रहेंगे और इतना कुछ सीखने और जान्ने को मिलता रहेगा .... आप दोनों ही बधाई के पात्र हैं ....
योगराज जी एवम नवीन जी, ओBओ २ इवेंट एक बहुत ही सफ़ल आयोजन रहा| इसके लिए आपको ढेरों शुभकामनाएँ| मैने अपनी ज़िंदगी मैं पहली ही बार कुछ लिखने का प्रयास किया| और आप लोगों ने जिस तरह हौंसला बढ़ाया आगे भी कुछ लिखने की कोशिश करूँगा| नवीन जी एक शेर याद आ रहा है कहीं सुना था टीवी पर "दरिया को ज़ोम था की मैं धारे पे आ गया, लेकिन मैं बच बचा के कनारे पे आ गया| मुझको बुलाने वालों की उमरें गुज़र गयी, लेकिन मैं तेरे एक इशारे पे आ गया|| " मैं अपने उन सभी भाई बहनों का भी शुक्रिया अदा करता हूँ जिनने ना सिर्फ़ मेरी रचनाएँ पड़ी बल्कि , प्रसंशा भी की | योगराज जी एवम नवीन जी, ओBओ २ इवेंट एक बहुत ही सफ़ल आयोजन रहा| इसके लिए आपको ढेरों शुभकामनाएँ| मैने अपनी ज़िंदगी मैं पहली ही बार कुछ लिखने का प्रयास किया| और आप लोगों ने जिस तरह हौंसला बढ़ाया आगे भी कुछ लिखने की कोशिश करूँगा| नवीन जी एक शेर याद आ रहा है कहीं सुना था टीवी पर "दरिया को ज़ोम था की मैं धारे पे आ गया, लेकिन मैं बच बचा के कनारे पे आ गया| मुझको बुलाने वालों की उमरें गुज़र गयी, लेकिन मैं तेरे एक इशारे पे आ गया|| " मैं अपने उन सभी भाई बहनों का भी शुक्रिया अदा करता हूँ जिनने ना सिर्फ़ मेरी रचनाएँ पड़ी बल्कि , प्रसंशा भी की |योगराज जी एक बार पुनः बहुत बहुत बधाई ! ! !
Aderniya Yograj Ji our Navin ji, is event ki safalta ke liye aapko bedhae.aap logone ek isa manch tiyar kiya ki jismain sab ne yogdan diya.sabhi ko bedhaye. Our viseshker navin ji ko bedhaye jinone mujhe kavita likhne ke liye prarit kiya nahi to mera kavita likhna sambhav hi nahi tha.
इस महान सफलता के लिए नवीन भाई एवं पूरे ओबीओ परिवार को बहुत बहुत बधाई। मैं इन दिनों दो शादियों में व्यस्त रहा। मेरी नहीं मेरे मित्रों की। फिर भी जब जब मौका मिला मैंने अपनी टिप्पणियाँ दीं। ऐसे आयोजन भविष्य में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करें इस शुभकामना के साथ एक बार फिर से आप सब को बधाई।
वन्दे मातरम बंधुओं,
ये बेहद महत्व पूर्ण है की इस आयोजन में दर्जन भर नये रचनाकारों ने शिरकत की, हालांकि ये सब का सांझा प्रयास था मगर फिर भी नवीन जी और प्रभाकर जी को इस सफलता का श्रेय जाना ही चाहिए........
आदरणीय शेषधर तिवारी जी के साथ मुझे संयुक्त रूप से दिया गया ये सम्मान मेरे और मुझ जैसे अन्य कई रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के चरण में मील का पत्थर साबित होगा....
मैं OBO प्रबन्धन का आभारी हूँ की उन्होंने मुझे इस सम्मान के काबिल समझा......

हर इवेंट एक कदम आगे बढाने में बेहद मदद करता है हम सभी इससे काफी कुछ सीख रहे है और लेखन में नयी धार और निरंतरता बनी है |ओ.बी.ओ. सदस्यों को सफलता पर बधाई |

'प्रेम' जैसे विशाल , गंभीर और पावन विषय पर 
रचा गया इस बार का महा पर्व बिलकुल सफल रहा 
इस के लिए ओ बी ओ परिवार साधुवाद के पात्र हैं  

आदरणीय सदस्यों

समय की कमी के कारण आप सब लोगो की रचनाओ की प्रशंसा न कर सका तो उसके लिए क्षमा चाहता हूँ,

परन्तु आप सभी के सम्मिलित प्रयासो से इस महा इवेंट की सफलता की बधाई देना चाहता हू...

व्यक्तिगत कारण से इस आयोजन में सहभागिता नहीं हो साक़ी... खेद है... आज गृह नगर आते ही आद्यंत सभी पृष्ठ पढ़कर यत्र-तत्र टिप्पणी की हैं. चूँकि आयोजन बंद हो चुका है इसलिए रचनाकार के नाम पर व्यक्तिगत मित्रता अनुरोध के तहत टिप्पणी की पर एक रचना के बाद दूसरी पर तभी संभव है जब रचनाकार से स्वीकृति मिले... इस आयोजन हेतु हुई रचनाएँ तथा अन्य अब अपने पन्ने पर ही दे सकूँगा.... अस्तु... सभी को यथायोग्य अभिवादन और शुभकामनायें... आयोजकों को पुनः बधाई...

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, कुछ और प्रयास करने का अवसर मिलेगा। सादर.."
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।छंदों पर उपस्थिति उत्तसाहवर्धन और सुझाव के लिए आभार। प्रयास रहेगा कि…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह वाह ..  दूसरा प्रयास है ये, बढिया अभ्यास है ये, बिम्ब और साधना का सुन्दर बहाव…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service