For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Harjeet Singh Khalsa
Share on Facebook MySpace

Harjeet Singh Khalsa's Friends

  • Azeez Belgaumi
  • sanjiv verma 'salil'

Harjeet Singh Khalsa's Groups

 

Harjeet Singh Khalsa's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
PUNE MAHARASHTRA
Native Place
INDORE MP
Profession
Business

Harjeet Singh Khalsa's Blog

चित्रगुप्त का हिसाब

मंदिर के बाहर भिखारियों की कतार में वो भी खड़ा था, पर भिखारी नहीं लगता था, उसकी आँखों में खुद्दारी, चेहरे पे आत्मविश्वास था । सेठजी हमेशा की तरह एक घंटे की पूजा की समाप्ति के बाद बाहर आये, चाल में अमीरों वाला रौबीलापन और चेहरे पे दानकर्ता होने का गर्व, जैसे साक्षात् भगवान् लोगों का दुःख दूर करने उतर आये हो, सबसे ज्यादा आकर्षक वो फूली हुई तोंद, शायद संसार के हर पुण्य का हिसाब इसी में हो, साथ में पचास के नोटों की गड्डी लिये बूढ़ा मुनीम, जो कई पुश्तों से सेठजी के सभी काम धंधों का हिसाब किताब…

Continue

Posted on March 3, 2013 at 5:30pm — 3 Comments

ग़ज़ल : कुरबतों में खुश न थे

कुरबतों में खुश न थे, फुर्क़तों का ग़म भी नहीं,

पहले जैसे वो अब नहीं, पहले जैसे हम भी नहीं ।

बात जो लब पर है रुकी, जान शायद लेकर रहे,

भूलने का दिल भी नहीं, कह दे इतना दम भी नहीं ।

फिर उदासी बढ़ने लगी, शाम से पहले क्या करें,

इक यहाँ तुम भी नहीं, दूसरे मौसम भी…

Continue

Posted on February 24, 2013 at 3:30am — 6 Comments

श्रधांजली ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह



ग़ज़लों का बादशाह, नज़्मो का सौदागर गया,

एक उसका जाना, करोड़ो को तनहा कर गया....



किनारे जिसने लगाया दर्दमंदो को सहारा देकर,

कागज़ की उस कश्ती में आज पानी भर गया.....



अपने होठों से छुए जिसने जज़बात हजारों के,

तरन्नुम का वो जादूगर करके आंख तर गया.....



अब न वो गायकी होगी, न वैसी महफिले होगी,

शायरी पसंदों का ख्वाब जैसे कोई बिखर गया...



न शेर कोई लब पर, न ग़ज़ल कोई…
Continue

Posted on October 12, 2011 at 11:30pm — 2 Comments

Comment Wall (7 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:57pm on September 3, 2012, Deepak Sharma Kuluvi said…
ਹਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਜੀ ਜਨਮਦਿਨ ਬੁਹਤ ਬੁਹਤ ਮੁਬਾਰਕ਼ ਹੋ 
 
ਵਾਹੇਗੁਰੁ ਹਮੇਸ਼ਾ  ਮੇਹਰ ਭਾਖ੍ਸ਼ੇ 
दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
09350078399
०३/०९/१२.
At 11:04pm on November 20, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 2:09pm on November 19, 2010, Ratnesh Raman Pathak said…

At 9:57pm on November 17, 2010, Shanno Aggarwal said…
हरजीत जी, ओ बी ओ के परिवार में स्वागत है आपका.
At 9:15pm on November 17, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 8:51pm on November 17, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 8:17pm on November 17, 2010, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
9 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
10 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service