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उस बेचारे को क्या पता डबल पीलिया का। उसे तो बस इतना पता है कि पव्वा नहीं पीना है।
पीने के बाद किसे होश रहता है।
जय hooooooooooooooooo
देरी के लिए माफ़ी
दरअसल अभी अभी कोई घर छोड़ कर गया है ..पता नहीं ...कोई भला इंसान होगा ...वरना..नाली मे कौन झांकता है....
मज़ा आ गया ..तिलक जी क्या शेर निकाले है....एकदम ...से वही वाले है............
??????
मजेदार
हा हा हा
आ गए लाट साहब
जो पहुचा गया उसका भला हो :)
वक्त, यूँ सोचा न था, इक दिन हवा हो जायेगा
जु़ल्फ़ से भरपूर ये सर, चॉंद सा हो जायेगा।
चाँद को चाँद ही रहने दो कोई नाम न दो
हम मिले, तो पूछ मत, क्या फ़ायदा हो जायेगा
तेरे अब्बा का पता, मेरा पता हो जायेगा।
अब्बा हुज़ूर ..हम भी हैं ..तुम भी हो ...तीनो हैं आमाने सामने ...
बंद डिब्बा दूध बच्चा, गुलगुला हो जायेगा
और भूखा बाप इक दिन सींकिया हो जायेगा।
..आखिर बाप है न
है बहुत मजबूर, अद्धी पी रहा है, जानकर;
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा।
नसीब में जिसके जो लिखा था ...
बस यही तो सोचकर वो शादियॉं करता रहा
दर्द बढ़ता ही गया तो खुद दवा हो जायेगा।
लोहा ही लोहे को काटता है
रंग का त्यौहार है छेड़ें न क्यूँकर लड़कियॉं
मुँह अगर काला हुआ तो क्या नया हो जायेगा।
अब ये उम्मीद तो नहीं थी आपसे
जिस्म सल्लू सा दिखा तो आपसे शादी करी
ये न सोचा था बदन यूँ पिलपिला हो जायेगा।
किसने शादी की ..इसीलिए तो सल्लू की हुई नहीं..
हो गया बेटा जवां, ये हरकतें मत कीजिये
वरना वो भी आप सा ही मनचला हो जायेगा।
बढ़िया है न ..होने दीजिए
हुस्न की शहजादियों को मुँह लगाना छोडि़ये
गर किसी को भा गया तो पोपला हो जायेगा।
पेट में आँत नहीं मुंह में दांत नहीं
इश्क जिससे हो गया ‘राही’ न शादी कीजिये
इश्क का सारा मज़ा ही किरकिरा हो जायेगा
यही शेर तो एकदम पते का है ........प्रीतम कहा है ..सीख लो ..बड़े लोग कुछ सिखा रहे है
लो जी,
खुद बाल विवाह कर लिया दूसरों को नसीहत दे रहे हैं
जानी, जिसके घर शीशे के होते है ......
नज़र न लग जाये बेवड़े को।
होली का असर है 'बच्चे' की जगह 'बेवड़े' लिख गया।
मालवी में बेवड़ा कहते हैं पीने के शौकीन को, जो होश में शायद नींद में ही आता होगा।
सोच रहा हूँ टंकी से पम्पिंग स्टेशन की फिटिंग करवा लूं
ये तिवारी जी की सिन्टेक्स वाली टंकी है :)
उन्होंने ब्लैक में दी थी :)
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