For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

Views: 12391

Reply to This

Replies to This Discussion

वीनस जी आपके सुझाव का स्वागत है, आपके द्वारा उस ग़ज़ल को ही यहाँ लगायी गयी थी जिस ग़ज़ल से तरही मिसरा उठाया गया था, सबसे पहले तो मैं उस ग़ज़ल को हटा दिया, क्योकि मूल ग़ज़ल का प्रभाव तरही की ग़ज़ल पर पड़ सकता है |

बहर के बारे में आवश्यक निर्णय प्रधान संपादक जी से विमर्श के पश्चात् लिया जायेगा | 

त्वरित प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद
मुझे विश्वास है कि आप सोच विचार कर सही निर्णय लेंगे


वांछित सुधार कर दिया गया है |

आभार

"ये मेहनत गाँव में करते तो अपना घर बना लेते"  क्या ग़ज़ल में ये मिसरा भी होना चाहिए शुरू में या बीच में कही भी?

तरही मुशायरेके नियमानुसार दिया गया मिसरा पूरी ग़ज़ल मे कही ना कही मिसरा सानी या मिसरा उला मे आना चाहिए !

"ये (मेह)(नत) गाँ/व में (कर)ते /तो (अप)ना (घर) /बना लेते"

   1    2         2     2  / 1   2    2    2    /  1     2      2     2     / 1  2    2  2

          मफाईलुन              मफाईलुन              मफाईलुन             मफाईलुन

आदरणीय भाई अश्विनी जी ! उपरोक्त मिसरे को गाकर देखिये पहले रुक्न में पढने में 'ये' लघु अर्थात (१ )ही आयेगा ठीक इसी प्रकार (मेह)नत के 'मे' में मात्रा गिरा कर पढ़ी गयी है इसी प्रकार तीसरे रुक्न में 'तो' कहने में लघु या (१) तथा 'अपना' का 'अप' गुरु अर्थात (२) की तरह प्रयोग किया गया है !  कहने का आशय यह है कि ग़ज़ल में मात्राएँ पढने के अनुसार ही जोड़ी जाती हैं !

ये बहरे हज़ज़ का मिसरा है जिसमे 'मफाईलुन' चार बार आने के कारण इसे 'बहरे हज़ज़ मुसम्मन सालिम' कहते हैं| तकतीई तो अम्बरीश जी ने कर ही दी है|

स्वागत है भाई राणा जी ! आपका बहुत-बहुत आभार मित्र !

OBO लाइव महा उत्सव के लिए पूछताछ

मैंने सुना है कि OBO लाइव महा उत्सव को अब केवल हिंदी छंद के लिए समर्पित किया जाएगा

ऐसा कब से होगा ?

वीनस केशरी जी, "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" को हिंदी छंद विशेष करने की कोई योजना नहीं है अपितु जनवरी-१२ से आयोजित होने वाली "ओ बी ओ चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता केवल भारतीय छंद आधारित कर दिया गया है |

अधिक जानकारी हेतु यहाँ क्लिक करें

ओह,

क्षमा करें,,, वो "चित्र से काव्य तक" वाली बात ही ध्यान की कमी के चलते फिसल कर इस पाले में आ गई थी :)

स्थिति स्पष्ट हुई
धन्यवाद

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
19 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service