For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मत्तगयन्द सवैया - कौन यहाँ सबसे बलवाला / कुमार गौरव अजीतेन्दु

बात चली जब जंगल में - "पशु कौन यहाँ सबसे बलवाला"।

सूँड़ उठा गजराज कहे - "सब मूरख, मैं दम से मतवाला"।
तो वनराज दहाड़ पड़े - "बकवास नहीं, बस मैं रखवाला"।
बंदर पेड़ चढ़ा हँसते - "मुझसे टकरा, कर दूँ मुँह काला"॥

लोमड़, गीदड़ और सियार सभी झपटे - "रुक जा, सुन थोड़ा"।
नाम "गधा" अपना यदि आज तुझे हमने जम के नहिं तोड़ा।
देख हुआ अपमान गधा पिनका, निकला झट से धर कोड़ा।
भाल, जिराफ, कुते उलझे, दुलती जड़ भाग गया हिनु घोड़ा॥

गैंडु प्रसाद चिढ़े, फुँफु साँप बढ़ा डसने विषदंत दिखाते।
मोल, हिपो उछले हिरणों पर, भैंस खड़ी खुर-सींग नचाते।
ऊँट, बिलाव कहाँ चुप थे, टकराकर बाघ गिरे बलखाते।
बैल, कँगारु भिड़े, चुटकी चुहिया बिल में छुप ली घबराते॥

पालक, गाजर ले तब ही छुटकू खरहा घर वापस आया।
पा लड़ते सबको, छुटकू अपने मन में बहुते घबराया।
बात सही बतला सबने उसको अपना सरपंच बनाया।
"एक रहो, इसमें बल है" कह के उसने झगड़ा सुलझाया॥

(मेरी पिछली बाल कहानी - गुलगुल खरगोश और नशे के सौदागर)

Views: 1620

Replies to This Discussion

भाई अजीतेन्दुजी, आपके इस प्रयास और ढंग की जितनी तारीफ़ की जाय कम होगी. खड़ी बोली में मत्तगयंद सवैया छंद ही नहीं किसी सवैया छंद को रचना कितना दुरूह कार्य है यह कहने की बात नहीं. लेकिन जिस उत्साह से आपने शिशुओं केलिए इसकी रचना की है वह आपके रचनाकर्म को असीम ऊँचाइयाँ देता है. जिस आयु वर्ग केलिए यह रचना प्रस्तुत हुई है उस आयु वर्ग के लिए सामान्य रचना तक कठिन कार्य है. आपकी रचनाधर्मिता और आपका पद्य-बोध सम्माननीय तो है ही, अनुकरणीय भी है.

आपका प्रयास हर तरह से प्रशंसनीय है. वैसे एकाध शब्दों को पढ़ कर देख लिये होते तो श्रुति-भ्रम की स्थिति न बनती. लेकिन यह रचना की ऊँचाई को देखते हुए छोटी बात है. फिर भी.....

आपकी संवेदनशीलता और आपके रचना-प्रयास को यथोचित सम्मान मिले .. शुभ शुभ.. .

आदरणीय गुरुदेव, आपने आशीर्वाद दे दिया.......मेहनत सफल हो गई। कुछ नया करने को जी चाह रहा था सो इस तरह का प्रयास किया। आपके द्वारा दिये गये सुझावों एवं इंगित बिन्दुओं से तो हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है। बहुत-बहुत आभार.....

प्रिय कुमार गौरव जी, 

बहुत बहुत बधाई इस बेहद सुन्दर, सुगढ़, अनुकरणीय प्रयास पर.

बाल रचनाएं यदि छंद बद्ध हों, तो मज़ा ही आ जाता है पढने में.....सुबह सुबह मन प्रसन्न हो गया इतने सुन्दर चित्र के साथ, पूरी  जंगल और जानवरों की बातें करती कहानी, वो भी नैतिक शिक्षा के साथ, मत्तगयन्द सवैया छंद में पढ़ कर.

आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं, आप नित ऐसी नयी नयी रचनाएं रचें और बच्चों के हृदयों में छा जाएँ ऐसी ही शुभकामनाएं है.

* एक बात पर आपका ध्यान चाहती हूँ, क्या हमें संज्ञा शब्दों के रूप में कोइ परिवर्तन करना चाहिए, जैसे भालू को भाल , कुत्ते को कुते,... इस बात पर ज़रा पूरी जानकारी ले लें और हम सब के साथ सांझा करें .

सस्नेह.

आदरणीया प्राची दीदी, आपका बहुत-बहुत आभार। थोड़ा नया करने के विचार से इस तरह की रचना की। बाल रचनाओं का एक अलग ही मजा होता है।

दीदी आपने जिन शब्दों की ओर इशारा किया है उनमें "भाल" शब्द मैने साहनी के हिन्दी-अँग्रेजी शब्दकोश से लिया है जिसका अर्थ "भालू" लिखा गया। हाँ, "कुते" शब्द जो है वो मैने इस सोच के साथ डाला था कि इसका उच्चारण "कुत्ते" जैसा ही होता मुझे प्रतीत हुआ। अब ऐसा करना कितना सही है इसका निर्णय तो गुरुदेव सौरभ सर और आप सहित अन्य विद्वजनों को ही लेना होगा। मैं तो स्वयं अभी सीख रहा हूँ।

रचना को सराहने हेतु पुनः आभार.....

बहुत सुन्दर मन मोहक मत्तगयन्द सवैया और वह भी बच्चो और बड़ो सभी की मन भावक आपकी जितनी प्रशंसा की हवे कम है । दिल से बधाई स्वीकारे भाई श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी 

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण सर.......

स्नेही कुमार जी 

रचना धर्म तो न जानू 

पढ़ कर आनंद आया 

बधाई 

सादर 

हार्दिक आभार काकाश्री................

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय आज़ी भाई, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। जैसा कि अमित भाई ने कहा कि मतला स्पष्ट नहीं है। बात जो अपना…"
40 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय सालिक जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई स्वीकार करें"
43 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय सुरेन्द्र जी। गुनीजनों ने विस्तृत इसलाह कर दी है। बहुत बहुत बधाई"
43 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदपणीय दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई। सुझाव भी अच्छे आए हैं। "
45 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय आज़ी जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई। चर्चा भी अच्छी हुई। "
47 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है आदरणीय। शेष सभी गुनीजन कह ही चुके हैं। अमित भाई ने विस्तृत समीक्षा की है…"
49 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक धन्यवाद संजय जी"
51 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया ऋचा जी"
51 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत आभार आज़ी भाई"
52 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"ग़ज़ल पर आपकी आमद और बेहतरीन सुझाव के लिए आभार आदरणीय।"
52 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय चेतन जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें। "
55 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद"
58 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service