For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल साहित्य Discussions (213)

← Back to बाल साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

छम छम करती बरखा आये

  छम छम छम छम बरखा बरसे,   टर्र टर्र मेंडक बोले मोर नाचते हर्षे पशु पक्षियों में खुशिया छा जाए  मीठी मीठी कोयल भी बतलाये ।    कल कल करती नद…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

6 Aug 8, 2013
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

सदस्य टीम प्रबंधन

भला-भला सा घर अपना --- बालगीत/ सौरभ

भला-भला सा यह घर अपना यही सुखद संसार हमारा.. .   हम घर से ही जाने जाते  इस घर से ही माने पाते  खेल खेलते, उधम मचाते  मगन हुए हम गाने गाते …

Started by Saurabh Pandey

8 Aug 8, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"हुआ सवेरा जागो मुन्ने"

बाल कविता     हुआ सवेरा जागो मुन्ने ! सरपट सरपट भागो मुन्ने !   देखो सूरज चाचा आए, भोर सुनहरी झिलमिल लाए।   .खिली प्रेम से नन्हीं कलियाँ,…

Started by annapurna bajpai

2 Aug 7, 2013
Reply by annapurna bajpai

चूहे की शादी

शोर मचा है जंगल मे चूहे जी की शादी है बिल्ली उसकी भाभी है भालू ढ़ोल बजाएगा बंदर नाच दिखाएगा हाथी दादा देंगे दावत गरम कचौरी और हलवे से शेर क…

Started by Pragya Srivastava

4 Aug 7, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

सुन री तितली - कविता

सुन री तितली   नीले पीले हरे जामनी और सुनहरे पंखो वाली तितली उड़ती उड़ती जा बैठी आँगन के खिले गुलाबों पर कभी चम्पा कभी चमेली पर इधर फुदकती उध…

Started by annapurna bajpai

6 Aug 6, 2013
Reply by annapurna bajpai

शिक्षा

कहो आज मैं तुम्हे सुना दूं सच्ची-सच्ची बात बता दूं प्रश्नों का जो ढ़ेर लगा है उन प्रश्नों को मैं सुलझा दूं समझ सको तो समझ के समझो ना समझो त…

Started by Pragya Srivastava

0 Jun 29, 2013

मीठा सपना

मैं बर्फी की सड़क पर दौड़ रही थी रास्ते में मुझे फ्रूटी की नदी मिली जिसमे चॅाकलेट की किश्तियाँ तैर रही थीं मैंने उस पर चढ़कर नदी पार की मैं…

Started by Pragya Srivastava

2 Jun 20, 2013
Reply by vijay nikore

जल बन कर इतराता / गीतिका 'वेदिका'

बूंद बना फिर गिरा धरा पर  जल बन कर इतराता  भरता ताल, तलैया, पोखर  सर, सरवर भर जाता  .......................... और नदी की गति बढ़ाता  सरिता…

Started by वेदिका

14 Jun 15, 2013
Reply by Pragya Srivastava

प्रकृति

पेड़ पर बैठी चिड़िया बोली ओ जंगल के राजा मानव कितना अभिमानी है इसको तू खाजा स्वार्थ में आकर छीन रहा था मेरा घर वो आज बच्चे मेरे बिलख रहे थे…

Started by Pragya Srivastava

0 Jun 14, 2013

भागो भागो बिल्ली है

बिल्ली आई चूहें भागे  भागे चूहे बिल्ली आई  बिल्ली पीछे चूहे आगे  भागो भागो बिल्ली है  मिल के  बैठे सारे चूहे  अब  बचना बिल्ली से  हुआ यह …

Started by Rekha Joshi

0 Jun 13, 2013

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service