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बाल साहित्य Discussions (213)

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पौधा / प्रदीप सिंह कुशवाहा

पौधा  -------- नन्हा  सा  एक  बीज  जीवन  उसमें  समाता  बोते  धरती  में  उसको  तब एक पौधा बन जाता  पाकर हवा ताप नमी  बीज अंकुरित है  होता  न…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

10 Apr 27, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

स्कूल

स्कूल  -----------  विद्यालय मंदिर के जैसा, रोज वहाँ मैं जाता हूँ   सुबह पहुँच सबसे पहले टीचर को शीष नवाता हूँ    हम सब हो कर इकट्ठे  बीच म…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

11 Apr 27, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

Drawingn by Aryan / Brijesh Kumar Singh

These are drawings by 11 years old Aryan.  

Started by बृजेश नीरज

10 Apr 26, 2013
Reply by बृजेश नीरज

आज शुभ घड़ी होली आई!!! / केवल प्रसाद

आज शुभ घड़ी होली आई!!! बच्चों देखो होली आई। रंग बिरंगी होली आई।। होलिका तु पहलाद की बुआ। इसको कभी न आग ने छुआ।। हिरनाकश्यप की है बहना। ल…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

3 Apr 26, 2013
Reply by Saurabh Pandey

विद्यालय

विद्यालय  ----------- विद्यालय को तू मंदिर मान  बसता  ईश्वर अल्लाह जान  संस्कार पुष्पित पल्लवित होते  मिलता जीवन का सारा  ज्ञान विद्यालय को…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

5 Apr 18, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

Ding Dong! Ding Dong!

 Ding Dong! Ding Dong! I'm a crazy boy little but strong. Ding Dong! Ding Dong! See my new set of cricket Little bat ball and wicket  w…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

9 Apr 17, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

मेरी माँ / भावना तिवारी

मेरी प्यारी-प्यारी माँ तुलसी को नित जल देती सूरज को नित नमन करे, अपनी पूजा-पाठी में बच्चों का दुख हवन करे ! सारे दोष भुला करके ममता प्य…

Started by भावना तिवारी

2 Apr 17, 2013
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

सदस्य टीम प्रबंधन

I LOVE MY INDIA (Paintings by DIVYANSH) / Dr. Prachi Singh

 An artwork on MS -Paint by DIVYANSH (7 yrs.) using elliptical tool, paint bucket, line tool, text tool, and curve tool  An artwork on MS…

Started by Dr.Prachi Singh

12 Apr 15, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

सदस्य टीम प्रबंधन

परी और नन्हे बच्चे

परी और नन्हे बच्चे    एक बार की बात है , परीलोक में परियों की राजकुमारी रहती थी l राजकुमारी बच्चों से बहुत प्यार करती थी l  एक दिन राजकुमार…

Started by Dr.Prachi Singh

9 Apr 15, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

सदस्य कार्यकारिणी

काऊ माऊ काऊ माऊ / अरुण कुमार निगम

दादा जी के सुन खर्राटे घुर घुर घुर घुर घुर्र रे काऊ माऊ काऊ माऊ उड़ी चिरैया फुर्र रे. घर में है नन्हा –सा टॉमी पूँछ हिला कर करे सलामी आये…

Started by अरुण कुमार निगम

16 Apr 14, 2013
Reply by अरुण कुमार निगम

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बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
15 hours ago
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
15 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
Saturday

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