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बाल साहित्य Discussions (213)

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जाते हैं स्कूल, मगर क्यों जाते हैं .. // -- सौरभ

जाते हैं स्कूल, मगर क्यों जाते हैं ! आने-जाने में, कहो क्या पाते हैं !! वहाँ सुनें हम कितनी बातें ऐसी-वैसी इतनी बातें सोच-समझ की जितनी…

Started by Saurabh Pandey

9 Jan 4, 2013
Reply by Saurabh Pandey

शिशु गीत सलिला : 8 संजीव 'सलिल'

शिशु गीत सलिला : 8 संजीव 'सलिल' * 71. हाथी सूंढ़ हिलाता आता है, बच्चों के मन भाता है। सूपे जैसे कान बड़े- खम्बे जैसे पैर खड़े। गन्ना…

Started by sanjiv verma 'salil'

2 Jan 4, 2013
Reply by sanjiv verma 'salil'

तितली

छोटा सा घर अपना  एक छोटा सा आँगन  उसके आगे  बगिया  सुन्दर लगे   है  उपवन  पेड़ लगे फल फूल लगे  तोता मैना बने सगे  सब्जियों की  है क्यारी उड…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

2 Jan 3, 2013
Reply by Saurabh Pandey

शिशु गीत सलिला : 7 संजीव 'सलिल'

61. फल मेहनत का मिलता है फल,कोशिश होती सदा सफल।काम आज का आज करो,किसने देखा बोलो कल? *62. नदी    नदी न रुकती, बहती है, हर मौसम चुप सहती ह…

Started by sanjiv verma 'salil'

2 Dec 22, 2012
Reply by Dr.Prachi Singh

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आधुनिक समय में कैसा हो बाल साहित्य ?

आधुनिक समय में कैसा हो बाल साहित्य ? आधुनिकीकरण की तरफ बढ़ती दुनिया, हर तरफ नयी नयी तकनीक के अनगिन अजूबे, बच्चों की रंग बिरंगी कल्पनाएँ, नि…

Started by Dr.Prachi Singh

20 Dec 20, 2012
Reply by Dr.Prachi Singh

शिशु गीत सलिला : 6 संजीव 'सलिल'

शिशु गीत सलिला : 6  संजीव 'सलिल'*  51. फ्रिज पानी ठंडा करता, बर्फ जमाता है, फ्रिज है बहुत जरूरी सबको भाता है।ताज़ा रखता खाना, फल, तरकारी भी-…

Started by sanjiv verma 'salil'

2 Dec 19, 2012
Reply by sanjiv verma 'salil'

मेरी नन्ही परी तू है कहाँ ,

मेरी नन्ही परी तू है कहाँ , मैं ढूढ रही तुम्हे यहाँ वहाँ ।। तुम सपनो में आती हो अच्छे गीत सुनती हो , स्कुल में मेरे आ कर के गा दो तुम एक गी…

Started by श्रीराम

2 Dec 18, 2012
Reply by श्रीराम

शिशु गीत सलिला : 1

शिशु गीत सलिला : 1 संजीव 'सलिल' * 1.श्री गणेश श्री गणेश की बोलो जय, पाठ पढ़ो होकर निर्भय। अगर सफलता पाना है- काम करो होकर तन्मय।। 2. सरस्व…

Started by sanjiv verma 'salil'

5 Dec 15, 2012
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

शिशु गीत सलिला :5 संजीव 'सलिल'

शिशु गीत सलिला :5 संजीव 'सलिल' * 41. आकाश धरती पर छत बना तना है यह नीला आकाश।गरमी में तपता, बारिश में है गीला आकाश।। नाप न पाता थकता सूरज,…

Started by sanjiv verma 'salil'

1 Dec 3, 2012
Reply by Saurabh Pandey

शिशु गीत सलिला : 5 संजीव 'सलिल'

शिशु गीत सलिला :  5 संजीव 'सलिल' *41. आकाश धरती पर छत बना तना है यह नीला आकाश।गरमी में तपता, बारिश में है गीला आकाश।। नाप न पाता थकता स…

Started by sanjiv verma 'salil'

1 Dec 3, 2012
Reply by Dr.Prachi Singh

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मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
10 hours ago

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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
10 hours ago

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मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
16 hours ago

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Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
18 hours ago

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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
yesterday

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मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
yesterday

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मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
yesterday

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मिथिलेश वामनकर updated their profile
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
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