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सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीया राजेश कुमारी जी  आपको यह समीक्षा सार्थक लगी और पुस्तक के भाव कथ्य के साथ न्…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 7, 2014 to 'इकड़ियाँ जेबी से' - एक पाठकीय समीक्षा

5 Apr 7, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

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"आदरणीय सौरभ जी, आपने इस समीक्षा को जो विनम् मान देते हुए स्वीकार किया है उसके लिए आ…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to 'इकड़ियाँ जेबी से' - एक पाठकीय समीक्षा

5 Apr 7, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

"आदरणीय बृजेश 'नीरज' जी के ज़मीनी रचनाकर्म को जितना मैंने समझा है...जाना है... उससे शब…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to ‘कोहरा सूरज धूप’ की समीक्षा - जहीर कुरैशी

6 Apr 8, 2014
Reply by बृजेश नीरज

"साहित्य जगत में अपनी पूर्ण चमक के साथ जगमगाते एक सितारे, सम्माननीय गुलाब सिंह जी द्व…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to खुलते परों के सामने का आकाश - गुलाब सिंह

3 Apr 5, 2014
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

सदस्य कार्यकारिणी

"आदरणीया राजेश जी  //लेखन के दर्पण में पाठक को अपना चेहरा नजर आने लगे, रचना पाठक से…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 5, 2014 to इकड़ियाँ जेबी से (समीक्षा )

10 Apr 6, 2014
Reply by rajesh kumari

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"आदरणीय सौरभ जी  पुस्तक समीक्षा के लिए किस संतुलित निष्पक्ष पूर्वाग्रह मुक्त नज़रिए क…"

Dr.Prachi Singh replied Feb 3, 2014 to पुस्तक समीक्षा के आवश्यक विन्दु // --सौरभ

3 Feb 3, 2014
Reply by Dr.Prachi Singh

"'परों को खोलते हुए -१ ' संकलन पर आ० राहुल देव जी को पाठकीय समीक्षा के लिए सादर धन्यव…"

Dr.Prachi Singh replied Oct 29, 2013 to समीक्षा - परों को खोलते हुए-1 : एक पाठकीय प्रतिक्रिया -राहुल देव

14 Nov 24, 2013
Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह

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"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
18 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
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Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
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