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Discussions Replied To (4) | Replies | Latest Activity |
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"आपकी रचनाएँ यथार्थ के धरातल से जन्म लेती है। हमने सभी ने आपकी रचना की सर्वव्यापकता क…"वेदिका replied Apr 6, 2014 to ‘कोहरा सूरज धूप’ की समीक्षा - जहीर कुरैशी |
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Apr 8, 2014 Reply by बृजेश नीरज |
"'परों को खोलते हुये अंक -१' की समीक्षा राहुल जी कलम से प्राप्त हुयी| अति हर्ष का विष…"वेदिका replied Nov 18, 2013 to समीक्षा - परों को खोलते हुए-1 : एक पाठकीय प्रतिक्रिया -राहुल देव |
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Nov 24, 2013 Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह |
"आहा! इतनी सुंदर काव्यात्मक समीक्षा! आपने मुझे गौरव प्रदान किया आ0 आदित्य जी! मै आभा…"वेदिका replied Nov 18, 2013 to ''परों को खोलते हुए'' की काव्यात्मक समीक्षा....................आदित्य चतुर्वेदी........समीक्षक |
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Nov 24, 2013 Reply by धर्मेन्द्र कुमार सिंह |
"आदरणीया मानोशी जी! को इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर बधाई!आदरणीय बृजेश जी की कलम के द्वारा…"वेदिका replied Aug 18, 2013 to साहित्यिक अंजुमन में मानोशी का उन्मेष |
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Aug 27, 2013 Reply by बृजेश नीरज |
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