For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुड़ खूब खाले ख़ाली, गुल्गुल्ला से परहेज बा,
आपने म्यान काटे, राउर तलवार बड़ी तेज बा ,

गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई,
पाई मोका करी हलाल,वोके कहा गुरेज बा,

हम हम के खेल मे, मकसद भुलाय गइल ,
झूठ से मोहब्बत ख़ाली, साच से परहेज बा,

बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा,

नफरत से भरल दुनिया ,नफरत के बोलबाला,
प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,

*********************************************

हमार पिछुलका पोस्ट => भोजपुरिया रिति रिवाज - माई के पूजईया ( चिकेन पाक्स )

Views: 1879

Replies to This Discussion

प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,..............एकदम सत्य अउर सामयिक। गागर में सागर। एकदम सार्थक चित्रण।। सादर आभार।।
बहुत बहुत धन्यवाद प्रभाकर भईया सब रौवा लोगन के आशीर्वाद बा जी ईट्टा, गिट्टी, बालू ,छड़ के बीच रहे वाला व्यक्ति भी कुछ लिख पावत बा,
बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा,

प्रधान मंत्री के हाथ में नइखे मंत्री पद देना ,
भ्रस्ट नेता मंत्री बनी साफ सुथरा से परहेज बा ,
रहनुमा बनल हाय रे किस्मत गुंडा बनके नेता ,
सब करत बाटे उहो खाली अच्छी से परहेज बा ,
एतना बढ़िया बनल बा गजल कलम ह बागी के ,
बाह बाह मन करत बा बहुत बढ़िया सन्देश बा ,
बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी , ई सब राउर संगत के असर बा,
मेराज भाई शुक्रिया हौसलाफजाई ख़ातिर,
bahut bandhiya sir... rauwa etna bandhiya likhne bani ki ekra bare me kahe ke kouno shabda hi naikhe.

ehi tare likhat rahi..
सुनील पाण्डेय जी , धन्यवाद बा ,जे रौवा सब के प्यार मिळत बा ,
"बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा ।"

सत्य वचन । बहुत बढ़िया ।
बुद्धि कईलस भ्रष्ट, भरल चाटुकारन के सेना,
लउके ना चुवत पलानी, खबर सनसनीखेज बा,

बहुत सही लिखले बानी ए गनेश भैया.....आज कल हमनी के आसपास ऐसन बहुत लोग भरल बा जे खाली मतलब खातिर सटल बा और मीठा मीठा बात बोलत बा ....काम ख़तम भैइला के बाद ओकरा लात मारत मे भी समय ना लागी...एहसे हमेशा सतर्क रहे के चाही...और जे पहीले से सतर्क रही ओकरा बाद मे कौनो दिक्कत ना होई लेकिन कुछ लोग ऐसन बा जे समझे के कोसिश ही ना करेला...जबकि कई बार उ लोग के संदेश भी मिल जाला की ग़लत हो रहल बा लेकिन वो लोग के आँख पर उ चाटुकारन के प्यार के रंग और पट्टी चढ़ल रहेला...लेकिन जब समझ मे आई तब तक बहुत देर हो चुकल रही.....

वैसे बहुत सही लिखले बानी गनेश भैया....
गणेश भाई बहुत खूब लिखले बनी रौवा समाज मे फहेलाल भरस्टचार के सही रूप रेखा देखएलए बनी रौवा .हमरा ता बहुत अछा लगाल ह भगवान से ई हे दुवा करेम की रौवा आएसही लिखत रही .......
raua hila ke rakh deni ....
aaur pyaar ke raah par chalal kaata na hoyi ...
नफरत से भरल दुनिया ,नफरत के बोलबाला,
प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,
hamni ke raua ke kaanta n gade dev ....thanks
गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई,
पाई मोका करी हलाल,वोके कहा गुरेज बा,
नफरत से भरल दुनिया ,नफरत के बोलबाला,
प्यार के "बागी" राह चलल कांट भरल सेज बा,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"भाई रामबली गुप्ता जी आदाब, बहुत अच्छे कुण्डलिया छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।"
4 hours ago
AMAN SINHA posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . विविध

दोहा पंचक. . . विविधदेख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।।गुलदानों…See More
yesterday
रामबली गुप्ता posted a blog post

कुंडलिया छंद

सामाजिक संदर्भ हों, कुछ हों लोकाचार। लेखन को इनके बिना, मिले नहीं आधार।। मिले नहीं आधार, सत्य के…See More
Tuesday
Yatharth Vishnu updated their profile
Monday
Sushil Sarna commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"वाह आदरणीय जी बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल बनी है ।दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर ।"
Nov 8
Mamta gupta commented on Mamta gupta's blog post ग़ज़ल
"जी सर आपकी बेहतरीन इस्लाह के लिए शुक्रिया 🙏 🌺  सुधार की कोशिश करती हूँ "
Nov 7
Samar kabeer commented on Mamta gupta's blog post ग़ज़ल
"मुहतरमा ममता गुप्ता जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें । 'जज़्बात के शोलों को…"
Nov 6
Samar kabeer commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
"जनाब सालिक गणवीर जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें । मतले के सानी में…"
Nov 6
रामबली गुप्ता commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आहा क्या कहने। बहुत ही सुंदर ग़ज़ल हुई है आदरणीय। हार्दिक बधाई स्वीकारें।"
Nov 4
Samar kabeer commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत समय बाद आपकी ग़ज़ल ओबीओ पर पढ़ने को मिली, बहुत च्छी ग़ज़ल कही आपने, इस…"
Nov 2
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

किसी के दिल में रहा पर किसी के घर में रहा (ग़ज़ल)

बह्र: 1212 1122 1212 22किसी के दिल में रहा पर किसी के घर में रहातमाम उम्र मैं तन्हा इसी सफ़र में…See More
Nov 1

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service