For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार ,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,
गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs,
दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यारs ,

बड़ा ही आसान होला, दिल के दुखावल,
दोसरा के कईलाs में, गलती निकालल ,
अपना पे जब पड़ी जाला,धुनेs लोगवा कपारs,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,

दिल के तू भोला बाड़s, सीधा तोहार जीवन,
चिकन चिकन मीठ बोली, लागे तोहके नीमन,
नाही पहिचनलs उनके, बाड़न बड़ कलाकारs,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,

अइसन उ घात कईलन , प्यार के उपहास कईलन,
धन के भी हाँस कईलन, विश्वास के नाश कईलन,
देखs उनका मन मे कईसन, भरल अहंकाsर ,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,

बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार ,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,
गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs,
दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यारs ,

******************************************

हमार पिछुलका पोस्ट => भोजपुरी ग़ज़ल (गनेश जी बागी)

Views: 977

Replies to This Discussion

बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार ,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,
गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs,
दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यारs ,

jai ho ganesh ji
Bahut badhiya Ganesh ji
बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार ,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,
गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs,
दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यारs ,

बहुत सही लिखले बनी गणेश भैया....ई पढ़ के पापा के बात याद आवाट बा,पापा हमार सिखैब
हमेशा हमरा के की कब्बो ऐसन काम मत करिहा जेकरा कारण केहु के सामने नज़र झुका के जाए के परो...
बात सही बा हमेशा सबसे मिल जुल के रहे के चाही..जहाँ तक होखो दुश्मन से भी गले लगवे के चाही..अब बिच्छू के त काम ही दसल हा ता ओकरा के केटना भी हाथ पर लेके बचाई वो क़ाटबे करी....एहसे अपना से ग़लत ना करे के सामने वाला के हर हद तक सम्झवे के चाही और जब जब वो ना मानी तब देखल जाई...
और ई बात ता एकदम सही बा कि दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यारs ,....

bahut hi badhiya...jaayi jhaar ke..likhat rahi
बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार ,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,
गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs,
दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यारs ,

बड़ा ही आसान होला, दिल के दुखावल,
दोसरा के कईलाs में, गलती निकालल ,
अपना पे जब पड़ी जाला,धुनेs लोगवा कपारs,
कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs ,

बाबूजी अइसने होखिले । गणेश जी, राउर कविता पढ़ के मन अपना लइकाईं के दिन में पहुँच गइल जब पापा के संगे-संगे लागल रहत रहनी । पापा हर बात के समझावे खातिर कुछ ना कुछ उदाहरण जरूर देत रहनी आ एह उदाहरण में सबसे अधिका रामायण के कथा के उदाहरण रहत रहे । बहुत बढ़िया लिखले बानी ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई।"
38 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय आपने आदरणीय तिलक राज सर की इस्लाह भी ख़ूब हुई है ग़ज़ल और निखर जायेगी"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय आदरणीय तिलक राज सर की इस्लाह से और बेहतर हो जायेगी अच्छी इस्लाह हुई है"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय इतनी बारीकी से इस्लाह की है आदरणीय तिलक राज सर ने मतले व अन्य शेरों पर काबिल…"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय आदरणीय तिलक राज सर की इस्लाह हर ग़ज़ल पर बेहतरीन हुई है काबिल ए गौर है ग़ज़ल…"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय निलेश सर 4rth शेर बेहद पसंद आया बधाई स्वीकारें आदरणीय"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय धामी सर बधाई स्वीकारें सुधार के बाद शेर और निखर गए हैं"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सुधार- उम्रें न सही लम्हे बिताने के लिए आ ग़र इश्क़ है तो साथ निभाने के लिए आ/१ दिल भूल गया है सभी…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"मुश्किल में हूँ मैं मुझको बचाने के लिए आ है दोस्ती तो उसको निभाने के लिए आ 1 यही बात इन्हीं शब्दों…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अभी समय मॉंगती है। बहुत से शेर अच्छे शेर होते-होते रह गये हैं। मेरा दृष्टिकोण प्रस्तुत…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय नीलेश जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गिरह शानदार…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  मतला और गिरह ख़ूब…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service