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आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार एक सौ छठा आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

15फरवरी 2020 दिन शनिवार से 16फरवरी 2020  दिन रविवार तक
 
इस बार का छंद है - 

उल्लाला छंद

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

 

एक बात और, आप आयोजन की अवधि में अधिकतम दो ही रचनाएँ प्रस्तुत कर सकते हैं.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

उल्लाला छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 

15 फरवरी 2020 दिन शनिवार से 16 फरवरी 2020 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

स्वागतम 

नमस्कार आदरणीय सौरभ जी।

सादर नमन सर 


उल्लाला छंद
***********
जबरन आँखें मूँद लीं,  मैडम देखी पास में।
ध्यान टिका है जेब में, छुट्टी की है आस में।।
****
झाँक रही जो जेब से, ऊँची इसकी शान है।
राम खुदा सब बाद में, पहले इसका ध्यान है।।
****
गोल गोल कुछ चाँद सा, इस रोटी का रूप है।
भरे पेट कीमत नहीं, भूखे मुख की धूप है।।
****
आटे में वो डालती, मधुर प्यार का घोल जब।
रोटी माँ के हाथ की, बन जाती अनमोल तब।। 
****
नेता देख चुनाव को, रोटी के वादे करें।
सत्ता आई हाथ में ,उदर स्वयं का फिर भरें।।
****
जल्दी से खा ले मुझे, रोटी कहती झाँककर।
बच्चों आँखें बन्द हों, मैडम कहती डाँटकर।।
*****

मौलिक व अप्रकाशित

सहज सुगढ़ हर छंद है, प्रतिभाजी शुभकामना 

आयोजन आगे बढ़े, उँगली इनकी थामना 

हार्दिक बधाई.

आपकी रचनाधर्मिता को नमन.. 

छंदो पर आपकी उपस्थिति, उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन छंद लेखन के प्रयासों को सार्थक कर देता है। हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी।

सुन्दर शब्दों को लिए, छन्द चित्र को बोलते

मर्म छुपा इसमें कहाँ, भेद-भेद कर खोलते।

हार्दिक बधाई सह नमन आदरणीया प्रतिभा दीदी

सुन्दर छांदसिक टिप्पणी के लिये हार्दिक आभार आदरणीय सतविन्दर भाई

आदरणीया  प्रतिभाजी

कुछ ना छूटा चित्र उभरकर आया है।

खूब बधाई छंद हृदय को भाया है॥

हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी।

वाहहहहहह आ० प्रतिभा जी ! चित्रानुकूल सुन्दर सृजन के लिए कोटिशः बधाई स्वीकारें सादर ।

हार्दिक आभार आदरणीया सुनन्दा जी

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"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
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