For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ अड़तीसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है - गीतिका छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

22 अक्टूबर 2022 दिन शनिवार से 

23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

गीतिका छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो

22 अक्टूबर 2022 दिन शनिवार से 23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार तक, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

चित्र अंर्तजाल के माध्यम से

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 752

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपने अपनी भावनाओं को सुंदर शब्द दिये हैं. सामाजिकता, व्यावहारिकता, नैतिकता तो हैं ही, आखिरी छंद में वैश्विक समस्या के निराकरण की भी सार्थक चर्चा हुई है. बहुत खूब, बहुत खूब.

अलबत्ता, छंद शास्त्र में सटीक तुकों की भी चर्चा हुई है. जिसका निर्वहन किया जाना छंद-अभ्यासियोंके लिए अनिवार्य है. आप प्रयासरत रहें, इस पर भी पकड़ बन जाएगी. शुभकामनाएँ.

शुभ-शुभ

गीतिका छंद 

+++++++++

 

तेल दीपक और बाती का युगों से मेल है।

पास ना आये तमस जब तक दिया में तेल है॥

तीन युग तक था दिया ही रोशनी का आसरा।  

झोपड़ी से महल तक था दीप का ही दायरा॥

 

साथ जलते तेल बाती नाम होता दीप का।

बूंद ही मोती बने पर नाम होता सीप का॥

दीप देता सीख हमको खो न देना हौसला।

रात दिन पुरुषार्थ कर करते रहो सबका भला॥

 

दीप लेकर कुल वधू घर आँगना में जब चले।

हर जगह कर दे उजाला जब तलक बाती जले॥

जब जले दीपक हजारों रोशनी लगती भली।

हर किसी को दे खुशी त्योहार शुभ दीपावली॥

 

......................... 

मौलिक अप्रकाशित

आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप बहुत सुन्दर छन्द रचे हैं हार्दिक बधाई।

//

झोपड़ी से महल तक था दीप का ही दायरा॥// 

मुझे इसमें लय बाधित होती सी लगी । सुझाव दे रहा हूँ यदि उचित लगे दो देखिएगा।

झोपड़ी से हर महल तक दीप का ही दायरा॥

 

 

आदरणीय लक्ष्मण भाई

प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।

रोशनी के मामले में बीते तीन युग की स्थिति बताने के कारण मैंने था शब्द का प्रयोग् किया है।

आपका सुझाव भी सही है।  लेकिन पढ़ता हूँ  तो लगता है कि था रखने से लय् बाधित नहीं है।

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, सुंदर सृजन के लिए बधाई स्वीकार करें।

आदरणीय दयाराम् भाई

प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।

आदरणीय अखिलेश जी, आपकी प्रस्तुति की हार्दिक बधाई. 

जिस विशेष पद को लेकर आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ने चर्चा की है, उनका कहा वास्तव में तर्क संगत है. 

शब्दों के सटीक उच्चारण ही उनके विन्यास तय करते हैं. शब्दों के विन्यासों के समुच्चय से पदों का कुल विन्यास निर्धारित होता है. यही कारण है, कि उक्त पद की लयता बाधित लग रही है. नहीं, बाधित है.

वस्तुत:, महल का उच्चारण म+हल होता है, न कि, मह+ल.

ल के स्थान पर लघु वर्ण की आवश्यकता है, तो यह आवश्यकता संतुष्ट हो रही है. परन्तु महल के उच्चारण के कारण उक्त स्थान पर हल आता है, जो कि, द्विकल है, यानी, वाचिक गुरु है. इसी कारण पद की लयता या गेयता बाधित हो रही है. 

बाकी, आपका प्रयास श्लाघनीय है.

शुभ-शुभ

आदरणीय भाई जी, उचित विश्लेषण कर मेरे शंसय को प्रमाण रूप देने हेतु आभार।

 संशय.. :-))) 

_/\_

आदरणीय सौरभ भाईजी 

उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।

महल के उच्चारण का विच्छेद कर समझाने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो गया । 

इस पंक्ति में था का प्रयोग कर पहले लिखा था...   झोपड़ी से था महल तक दीप का ही दायरा॥   ..... यह सही होता 

पुनः धन्यवाद आपका एवं आदरणीय लक्ष्मण् जी का ।

सादर 

अवश्य ही पहले वाली पंक्ति विन्यास में थी.

सादर

गीतिका छंद
------------------
बुझ रहे हो दीप तो फिर से जलाना चाहिए।
आंधियों के वार से इनको बचाना चाहिए।।
है पुरानी रीत हर घर दीप की हो झाँकियां।
आजकल इस रीत में आई बहुत है खाँमियां।।

दीप ऐसा हम जलायें द्वेष दिल से दूर हो।
इस दिवाली प्रेम बूँदों से सभी भरपूर हो।।
आज तम को भेद कर ही राह रोशन हम करें।
राम पर विश्वास रख कर आँधियों से ना डरें।।

सीख देता दीप हमको तुम सदा चलते रहो।
रात दिन निज लक्ष्य हित मेरी तरह जलते रहो।।
काम अब ऐसा करें हम पथ सदा रौशन रहे।
देश हित में प्राण जाये काम सुन्दर सब कहे।।


- दयाराम मेठानी
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nisha updated their profile
18 hours ago
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Thursday
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"मेरे सुझाव को स्वीकार कर तदनुरूप रचना में सुधार करने के लिए मैं आपका आभारी हूँ, आदरणीया विभा रानी…"
Wednesday
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"अवसर : शुभेक्षु "आपको सर्वोच्च शैक्षिक डिग्री अनुसन्धान उपाधि प्राप्त किए इतने साल गुजर गये!…"
Wednesday
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"जी महोदय Saurabh Pandey जी हार्दिक धन्यवाद आपका गलतियाँ सुधार ली जायेंगी"
Wednesday
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"जी महोदय Manan Kumar singh जी व्याकरण जनित/टंकण जनित त्रुटियाँ हैं हार्दिक धन्यवाद आपका"
Wednesday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service