For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ तिरसठवाँ योजन है।.   

 

छंद का नाम -  छंद मनहरण घनाक्षरी 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

18 जनवरी’ 25 दिन शनिवार से

19 जनवरी 25 दिन रविवार तक

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

मनहरण घनाक्षरी छंद के मूलभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -

18 जनवरी’ 25 दिन शनिवार से 19 जनवरी 25 दिन रविवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 448

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

मनहरण घनाक्षरी छंद

++++++++++++++++++

 

बरसों बाद मेला है, खूब ठेलम ठेला है, भीड़ बहुत भारी है, कुम्भ का आगाज है|

नर नारी जो भी आए, पाप यहाँ धुल जाए, संगम त्रिवेणी जहाँ, वो प्रयागराज है||

निर्मल तन हो जाए, निर्मल मन हो जाए, गृहस्थ हो या सन्यासी, तीर्थ में समान हैं|

ये सोचकर आते हैं, डुबकियाँ लगाते हैं, बूँद गिरी अमृत की, ये पवित्र स्थान है||

 

 

गाँव नगर से आते, परिवार साथ लाते, गंगा सबको तारेगी, यही अभिप्राय है|

पुन्य तिथि चुनकर, मन में ही गिनकर, डुबकियाँ लगाना ही, मुक्ति का उपाय है||

मोह माया के पार हैं, भभूत ही श्रृंगार है, अघोरी औ नागाओं का, अलग ही संसार है|

कष्ट सदा सहते हैं, फिर भी मस्त रहते हैं, इनके दर्शन बिना, कुम्भ भी बेकार है||

 

++++++++++++++

मौलिक अप्रकाशित

आदरणीय अखिलेश भाईजी, 

आपके प्रयास की भी वाह-वाह भूरि-भूरि, कठिन है किंतु पद, आपने लगा लिया 

कुंभ का है अवसर, पाप-पूण्य खर-खर, घोरी या अघोरी कहो, जीव-जग पा लिया 

तीन धार जंगम है, तीन धार संगम है, जीवन के आर-पार, तार जो बिछा लिया 

किंतु एक बात आप, भाई मेरी मानिए तो, पद्य में जो लय नहीं, फिर क्या ही गा लिया 

आपकी उपस्थिति तथा रचना के लिए हार्दिक धन्यवाद.  

शुभातिशुभ

आदरणीय सौरभ भाईजी, 

ये टिप्पणी प्रसाद है, भाईजी धन्यवाद है, सीख पाया जितना भी, उसका ये सार है|

छंदों को सही लिखना,चित्रानुसार कहना, आप ही बतलाएँ  है, आपका आभार है||

हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. 

आ. भा ई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।

आदरणीय लक्ष्मण भाईजी 

हार्दिक धन्यवाद आभार आपका  

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को महाकुम्भ से जोड़कर आपने बहुत सुन्दर घनाक्षरी रची हैं. यदि गाकर रचा जाता तो मात्र शब्दों के हेरफेर से ही गेयता में और भी वृद्धि होती. सादर 

आदरणीय अशोक भाईजी, 

हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | गेयता के संबंध में आप सही हैं| 

वाह..बहुत सुन्दर..कुंभ की हर बारीकी शामिल कर ली आपने..हार्दिक बधाई आदरणीय अखिलेश जी

आदरणीया प्रतिभाजी

हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | 


कुम्भ लगा प्रयाग में, संतो का जमघट है,आमजन भी आ जुटे, मुक्ति स्नान करने।
पर्व सनातन का है, लिए कामना मोक्ष की, जन्मों के कष्टों से सब, आये पार तरने।।
मिला सौभाग्य जिनको, संगम तट आने का, बहे जहाँ पर गंगा, जमुना , सरस्वती,
बिना प्रभु कृपा कब, कौन पहुँचा यहाँ है, चाहे इच्छा रही हो, कितनी बलवती।।
*
कोई पुण्य कमाने को, कोई पापों को धोने, कोई बस सोचकर, पर्यटन आया है।
फिर भी सत्य यही है, फल मिलना आने का, पर प्रभु ही जानते, कौन क्या कमाया है।।
सच्चे मन से आकर, तन मन जिसने धोए, सफल उसी का आना, बाँकी तो व्यर्थ है।
किसी को भीड़ व्यापार, किसी को बस मौज है, सबको अपना-अपना, कुम्भ का अर्थ है।।
*
बरसों बाद का मेला, विशेष ग्रह संयोग, सक्षम अक्षम जो, जा सको वो झट जाओ।।
विविध रंग जीवन के, संगम पर देखो, भले न पुण्य कमाओ, मन की शांति पाओ।।

देखना खुशी मनाते, हर उस निर्धन को, भूल अभाव जीवन के, जो चला आया है
उसके मुख तेज देखना, जो है बस बैरागी, साथ देखना उसको भी, जो खूब अघाया है।
**
मौलिक/अप्रकाशित

आदरणीय लक्ष्मण भाईजी 

चित्र  पर बहुत कुछ लिख गए | प्रयास सराहनीय है | पर छंद के नियमों का पालन नहीं हो पाया, विशेषकर पंक्तियों के मध्य और  अंत में |

आदरणीय सौरभजी  ही इस पर सही जानकारी और सुझाव दे सकते हैं| 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
4 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
21 hours ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service