For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक - 32 (Now Closed)

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 32 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.


छंदोत्सव के नियमों में कुछ परिवर्तन किये गए हैं इसलिए नियमों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें |

(प्रस्तुत चित्र अंतरजाल से साभार लिया गया है)

तो आइये, उठा लें अपनी-अपनी लेखनी और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण !

आपको पुनः स्मरण करा दें कि छंदोत्सव का आयोजन मात्र भारतीय छंदों में लिखी गयी काव्य-रचनाओं पर ही आधारित होगा. इस छंदोत्सव में पोस्ट की गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों के साथ कृपया सम्बंधित छंद का नाम व उस छंद की विधा का संक्षिप्त विवरण अवश्य लिखें. 

ऐसा न होने की दशा में आपकी प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार कर दी जायेगी.

 

नोट :

(1) 22 नवम्बर 2013 तक Reply Box बंद रहेगा, 23 नवम्बर दिन शनिवार से 24 नवम्बर दिन रविवार यानि दो दिनों के लिएReply Box रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो. रचना भारतीय छंदों की किसी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है. यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे और केवल मौलिक एवं अप्रकाशित सनातनी छंद की रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बारsign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक, न कि एक ही दिन में दो रचनाएँ.

 

रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।

 

नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.

 

सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

 

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.

 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.

 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहा...

मंच संचालक

सौरभ पाण्डेय

(सदस्य प्रबंधन समूह)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 14972

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक - 32 में आप सब का हार्दिक स्वागत और नमस्कार
मेरी पहली प्रस्तुति

छंद पञ्च चामर ... {(लघु गुरु x 8) x चार पद  

उठा रही कठोर एक  गाछ  डाल  चींटियाँ

बना रही सिखा रही विधान बाँध चींटियाँ

दिखे यहाँ  परोपकार की  मिसाल चींटियाँ

पढ़ा रही हमे यहाँ प्रयास पाठ चींटियाँ

 

जहाँ समान एकता सदा  खुशी वहाँ मिले

जहाँ नहीं समानता समीपता कहाँ मिले

कड़ी कड़ी जुड़े जहां प्रगाढ़ श्रंखला मिले

जहां मिले अनेक हाथ बाँध प्यार का मिले

अप्रकाशित एवं मौलिक  

वाह बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया। ।शुभरम्भ करने के लिए बहुत बहुत बधाई आपको।।। सादर  

बधाई हेतु हार्दिक आभार राम शिरोमणि  पाठक जी वैसे भी आप पहले पाठक हैं विशेष आभार. 

आयोजन के शुभारंभ हेतु बहुत बहुत बधाई!!

पञ्चचामर छ्ंद को समीपता से जानने का अवसर मिला| एक सरस और सार्थक छ्ंद की रचना हुई है, प्रत्येक पंक्ति भावभीनी हुयी है| 

जहाँ समान एकता सदा  खुशी वहाँ मिले

जहाँ नहीं समानता समीपता कहाँ मिले.... अद्भुत और सत्य!

आपको बहुत बहुत शुभकामनायें आ0 राजेश दीदी!

प्रिय गीतिका जी छंद आपको पसंद आया बहुत-बहुत आभार आपका इस छंद पर पहली बार प्रयास किया अब देखना है की विद्वत जन क्या कहते हैं. 

छन्दोत्सव शुभारम्भ करने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद, रचना पर बात सुबह :-)

जी सादर शुभरात्रि 

शुभ श्रीगणेश के करने के लिये आदरणियां दीदीजी आपका स्वागत । भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिये सादर बधाई

रमेश कुमार चौहान जी आपको छंद अच्छा लगा जानकार हर्षित हूँ इस उत्साह वर्धन हेतु दिल से आभार आपका. 

जहाँ समान एकता सदा ख़ुशी वहाँ मिले

जहाँ नहीं समानता समीपता कहाँ मिले

कड़ी कड़ी जड़े जहां प्रगाड़ श्रंखला मिले

जहाँ मिले अनेक हाथ बांध प्यार का मिले...

 चित्र का सजीव चित्रण व् एक सार्थक सन्देश देती रचना पर , हृदय से बधाई स्वीकारें आदरणीया राजेश जी

जितेन्द्र गीत जी आपको रचना प्रदत्त चित्र से न्याय करती प्रतीत हुई मेरा लिखना सार्थक हुआ हार्दिक आभार आपका. 

आदरणीया राजेशकुमारीजी, विलम्ब से आयोजन में अपनी उपस्थिति के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. किन्तु, कभी-कभी म असहाय-निरुपाय हो करर ह जाते हैं.

ख़ैर !

पंचचामर छंद की रचना से आयोजन का शुभारम्भ होना शुभ का संकेत है. यह अत्यंत ऊर्जस्वी छंद है और वस्तुतः, निहित वर्णों की बारम्बारता के अनोखे ढंग के कारण पाठक के मन में ही नहीं रगों में भी विशेष ताल उत्पन्न करता है.

आपको इस छंद रचना के लिए सादर बधाइयाँ.

एक बात :

यह अवश्य है कि छंदों के विधान के अनुसार पदों की तुकान्तता दोषयुक्त हो गयी है. लेकिन आप इस छंद पर प्रथम प्रयास होने के कारण इसी की प्रसन्नता है कि आप द्वारा उठाया गया यह एक अत्यंत सार्थक प्रयास हुआ है.

सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपकी ग़ज़ल में रदीफ़, काफ़िया और बह्र की दृष्टि से प्रयास सधा हुआ है। इसे प्रशंसनीय अभ्यास माना जा…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सादर , अभिवादन आदरणीय।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"नफ़रतों की आँधियों में प्यार भी करते रहे।शांति का हर ओर से आधार भी करते रहे।१। *दुश्मनों के काल को…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय"
4 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"स्वागतम"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. रचना जी "
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service